
हिंदी सिनेमा के लीजेंड्री कॉमेडियन जॉनी वॉकर की आज 22वीं पुण्यतिथि है। उन्होंने अपनी दमदार कॉमेडी से लाखों दिलों को जीता। अपने दौर में जॉनी की अलग ही डिमांड थी। फिल्मों में उनका रोल सिर्फ कॉमेडियन तक ही सीमित नहीं था। डायरेक्टर्स यह भी सुनिश्चित करते थे कि फिल्म में जॉनी के किरदार की एक अलग स्टोरी लाइन भी हो। कई फिल्मों में तो उनके ऊपर गाने तक फिल्माए गए जो आगे चलकर सुपरहिट साबित हुए। आज जॉनी की पुण्यतिथि पर जानिए उनके बारे में…
जन्म और शुरुआती जीवन
जॉनी वॉकर का असली नाम बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी है। उनका जन्म 11 नवंबर 1926 को मध्य प्रदेश के इंदौर में एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता एक टेक्सटाइल मिल में काम करते थे, लेकिन जब मिल बंद हुई, तो परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। जॉनी ने छठी कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी और परिवार का पालन-पोषण करने के लिए छोटे-मोटे काम शुरू किए। उन्होंने इंदौर में अंडे, मूंगफली, आइसक्रीम और सब्जियां तक बेचीं। इसके बाद उनका परिवार मुंबई चला गया, जहां जॉनी ने बॉम्बे इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट में बस कंडक्टर की नौकरी शुरू की।
बस कंडक्टर की जॉब के दौरान मिली फिल्म
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जॉनी वॉकर ने अपने करियर की शुरुआत मुंबई में बस कंडक्टर के रूप में की थी। वे यात्रियों को हंसाने के लिए मजेदार अंदाज में टिकट बांटा करते थे। एक बार अभिनेता बलराज साहनी ने उनकी इस प्रतिभा को देखा और उन्हें गुरु दत्त से मिलवाया। गुरु दत्त ने जॉनी से एक शराबी की एक्टिंग करने को कहा। जॉनी की एक्टिंग इतनी शानदार थी कि गुरु दत्त ने तुरंत उन्हें अपनी फिल्म ‘बाजी’ में साइन कर लिया। मजेदार बात यह है कि गुरु दत्त ने ही उनके नाम को मशहूर व्हिस्की ब्रांड ‘जॉनी वॉकर’ से प्रेरित होकर रखा। हालांकि जॉनी ने असल जिंदगी में कभी शराब को हाथ नहीं लगाया।
‘आर-पार’ सेट पर प्यार की शुरुआत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जॉनी वॉकर की लव स्टोरी भी फिल्म सेट से शुरू हुई। 1954 में गुरु दत्त की फिल्म ‘आर-पार’ की शूटिंग के दौरान उनकी मुलाकात अभिनेत्री शकीला की बहन नूरजहां से हुई। गाने ‘अरे ना ना ना ना तौबा तौबा’ में दोनों ने साथ काम किया और यहीं से उनके प्यार की शुरुआत हुई। 1955 में, परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर जॉनी और नूरजहां ने शादी कर ली।