टीवी पर दिखने वाला बिग बॉस का घर जितना ग्लैमरस और ड्रामेटिक नजर आता है, असलियत उससे कहीं अलग है। शो के सेट पर 24 घंटे कैमरे चलते हैं, लेकिन दर्शकों तक वही फुटेज पहुंचती है जो एडिट होकर बनती है। सूत्रों के अनुसार, घर के अंदर सैकड़ों माइक, 90 से ज्यादा कैमरे और एक बड़ा कंट्रोल रूम हर मूवमेंट पर नजर रखते हैं।कई पूर्व प्रतिभागियों ने खुलासा किया है कि शो में हर झगड़ा स्क्रिप्टेड नहीं होता, लेकिन कंटेंट को आकर्षक बनाने के लिए एडिटिंग में बदलाव जरूर किए जाते हैं।बिग बॉस की असल कहानी बताती है कि कैसे प्रतिभागियों को सीमित संसाधनों, अलगाव और दबाव के माहौल में रहना पड़ता है।
कैमरे के पीछे काम करने वाली टीम, सुरक्षा व्यवस्था और 24×7 मॉनिटरिंग सिस्टम इस रियलिटी शो को खास बनाते हैं। टीवी पर जो नहीं दिखता, वही असल में बिग बॉस की असली कहानी है — ग्लैमर के पीछे छिपा रियल और अनदेखा सच


