यामी गौतम और इमरान हाशमी स्टारर फिल्म ‘हक’ के निर्देशक सुपर्ण एस वर्मा हैं। यह फिल्म 1978 के शाह बानो पर इंस्पायर है। हाल ही में निर्देशक ने महिलाओं के अधिकारों, समस्याओं को लेकर बातचीत की।
निर्देशक सुपर्ण बोले- महिलाएं अपने अस्तित्व के लिए लड़ रही हैं
फिल्म ‘हक’ में महिलाओं के सम्मान पाने और बुनियादी मानवधिकारों के संघर्ष को दिखाया गया है। पीटीआई से की गई बातचीत में निर्देशक सुपर्ण एस वर्मा ने कहा, ‘आज भी महिलाएं अपने अस्तित्व के लिए समाज से लड़ रही हैं। हम कई हाशिए पर पड़े समूहों की बात करते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि दुनिया का सबसे बड़ा ‘पिछड़ा वर्ग’ अभी भी महिलाएं हैं।’
वह आगे कहते हैं, ‘एक कहावत है कि चीजें जितनी बदलती हैं, उतनी ही वैसी ही रहती हैं। हालात आज भी वही हैं। यही हाल आज महिलाओं का भी है। एक पुरुष और एक महिला के बीच का अंतर आज भी वही है। ये ऐसे मुद्दे हैं, जो पूरी दुनिया में मौजूद हैं। यही फिल्म ‘हक’ में शाजिया बानो की कहानी है।’ बताते चलें कि यह फिल्म मोहम्मद अहमद खान बनाम शाह बानो बेगम केस से इंस्पायर है।
ये खबर भी पढ़ें: यामी गौतम की ‘हक’ देख छलके मुस्लिम महिला के आंसू, अभिनेत्री का हाथ पकड़कर बोली- मैं भी हक के लिए लड़ सकती हूं
यामी गौतम के अभिनय को सराहा
फिल्म ‘हक’ में यामी गौतम ने शाजिया बानो और हाशमी ने उनके पति वकील अब्बास खान का रोल निभाया है। निर्देशक ने यामी गाैतम की मेहनत और अभिनय को काफी सराहा है। सुपर्ण कहते हैं, ‘आपने यामी की कई फिल्में देखी होंगी, उनके चलने और बोलने का एक अलग अंदाज है। उन्होंने शाजिया बानो के किरदार को गढ़ने के लिए अपने अंदर की हर चीज को नया रूप दिया। वह सेट पर शाजिया बानो बन गईं। हम 32 दिनों तक सेट पर रहे, हमने यामी को नहीं देखा। हमने सिर्फ शाजिया बानो को देखा। मुझे लगता है कि यह उनके करियर की बेस्ट एक्टिंग परफॉर्मेंस है। यहां से वह और भी ऊंचाइयों को छूएंगी।’


