आज ज्यादातर एक्टर्स एक फिल्म के लिए करोड़ों रुपयों की फीस लेते हैं, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब एक फिल्म में काम करने के लिए 1 करोड़ रुपये मिलना बड़ी बात हुआ करती थी। क्या आपको यह पता है कि भारत का पहला एक्टर कौन है, जिसे पहली बार फिल्म के लिए 1 करोड़ रुपये मिले थे।
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चिरंजीवी
– फोटो : इंस्टाग्राम@chiranjeevikonidela
भारत का पहला करोड़पति एक्टर-मेगास्टार चिरंजीवी
आजकल बॉलीवुड या साउथ सिनेमा में स्टार्स 1 करोड़ रुपये की फीस तो क्या, 200 करोड़ से ज्यादा भी लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय सिनेमा में सबसे पहले 1 करोड़ रुपये फीस लेने वाले एक्टर कौन थे? वह थे तेलुगु सिनेमा के मेगास्टार चिरंजीवी। चिरंजीवी की कहानी मेहनत और सफलता की मिसाल है, जो उनके फैंस और दर्शकों को प्रेरित करती आई है।
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चिरंजीवी
– फोटो : इंस्टाग्राम@chiranjeevikonidela
कौन हैं चिरंजीवी?
चिरंजीवी एक ऐसे सितारे हैं, जो दशकों से इंडस्ट्री में सक्रिय हैं। बिना किसी फिल्मी बैकग्राउंड के आए और अपनी एक्टिंग, डांस और स्क्रीन प्रेजेंस से सबको दीवाना बना दिया। उनका करियर 1978 से शुरू हुआ जो आज भी जारी है। उन्होंने मेहनत और टैलेंट से गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी हासिल किया है।
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चिरंजीवी
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नाम कैसे पड़ा चिरंजीवी?
चिरंजीवी का असली नाम कोनिदेला शिव शंकर वरप्रसाद है। वे आंध्र प्रदेश के मोगलतुरु गांव में एक साधारण कांस्टेबल परिवार में पैदा हुए। फिल्मों का शौक था, इसलिए मद्रास (अब चेन्नई) चले गए। मां की सलाह पर अपना नाम चिरंजीवी रखा, जिसका मतलब है ‘लंबी उम्र वाला’।
चिरंजीवी की पहली फिल्म ‘पुनादिरल्लु’ थी, लेकिन असली डेब्यू 1978 में ‘प्राणम खरीदम’ से हुआ। ‘मनवूरी पांडवुलु’ से पहचान मिली। 1983 में ‘खैदी’ ने उन्हें स्टार बना दिया। ‘शुभलेखा’ और ‘विजेता’ जैसी फिल्मों से शुरुआती सफलता मिली। चिरंजीवी ने तेलुगु सिनेमा पर 20 साल तक राज किया। उनकी हिट फिल्में हैं- ‘स्वयंकृषि’, ‘पसिवाड़ी प्राणम’, ‘रुद्रवीणा’, ‘गैंग लीडर’, ‘घराना मोगुडु’, ‘हिटलर’, ‘मुथा मेस्ट्री’, ‘स्नेहम कोसम’, इंद्रा’, ‘ठागूर’ और ‘शंकरदादा एमबीबीएस’।