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हार्ट अटैक के रिस्क को यूं कम किया जा सकता है



इमेज स्रोत, Getty Images….मेंदिल का सेहतमंद रहना शरीर के सही कामकाज के लिए बेहद अहम है. यही खून पंप करता है और पूरे शरीर तक ऑक्सीजन और ज़रूरी पोषक तत्व पहुंचाता है.विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़, कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां (सीवीडी) दुनिया में मौत का सबसे बड़ा कारण हैं. हर साल क़रीब 1.8 करोड़ लोग इनसे जान गंवाते हैं. इन बीमारियों में पांच में से चार मौतें हार्ट अटैक और स्ट्रोक की वजह से होती हैं.कार्डियोलॉजिस्ट कहते हैं कि दिल को स्वस्थ रखना रोज़मर्रा की ज़रूरत है. एक स्वस्थ वयस्क के लिए इसका मतलब है कि आराम की अवस्था में दिल की धड़कन 60 से 100 प्रति मिनट के बीच हो.अमेरिका के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर इवान लेविन कहते हैं, “हम अच्छी डाइट, नियमित व्यायाम और तंबाकू से दूरी बनाकर ज़िंदगी की शुरुआती उम्र से ही दिल को होने वाले किसी भी नुकसान को कम कर सकते हैं.”लेकिन क्या मामला इतना सरल है कि सिर्फ दिल को स्वस्थ रखने से हार्ट अटैक का ख़तरा घट जाएगा?हार्ट अटैक क्या है?इमेज स्रोत, Getty Imagesहार्ट अटैक तब होता है जब दिल तक जाने वाली खून की आपूर्ति अचानक रुक जाती है.खून का बहाव रुकने से ऑक्सीजन दिल तक नहीं पहुंच पाती और दिल की मांसपेशी को नुकसान हो सकता है. अगर तुरंत इलाज न मिले तो यह नुकसान स्थायी हो सकता है.दिल का बड़ा हिस्सा प्रभावित होने पर धड़कन बंद हो जाती है, जिसे कार्डियक अरेस्ट कहते हैं, और मौत हो सकती है.हार्ट अटैक से होने वाली क़रीब आधी मौतें लक्षण शुरू होने के तीन से चार घंटे के भीतर होती हैं.इसलिए ज़रूरी है कि हार्ट अटैक के लक्षणों को तुरंत मेडिकल इमरजेंसी की तरह लिया जाए.इसका सबसे आम कारण कोरोनरी हार्ट डिज़ीज़ है. इसमें धमनियों में प्लाक यानी चर्बी जैसा पदार्थ जमा हो जाता है, जिससे वे संकरी हो जाती हैं और खून का बहाव रुक-रुककर होता है.अमेरिका में हर साल लगभग 8.05 लाख लोग हार्ट अटैक का शिकार होते हैं. इनमें से क़रीब 6.05 लाख लोग पहली बार इसका सामना करते हैं, जबकि 2 लाख लोग पहले भी हार्ट अटैक झेल चुके होते हैं.यूएस सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक़, औसतन हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति को हार्ट अटैक होता है.कैसे पहचानें कि हार्ट अटैक हो रहा है?इमेज स्रोत, Getty Imagesइमेज कैप्शन, हार्ट अटैक का सबसे आम लक्षण है सीने में दर्द, लेकिन यह तेज़ चुभन जैसा दर्द नहीं बल्कि सीने पर दबाव और कसाव जैसा होता हैहार्ट अटैक अलग-अलग लक्षणों के साथ हो सकता है. सबसे आम लक्षण है सीने में दर्द, लेकिन यह तेज़ चुभन जैसा दर्द नहीं बल्कि सीने पर दबाव और कसाव जैसा होता है.कुछ महिलाओं को सीने के दर्द के साथ गर्दन और दोनों हाथों में भी दर्द महसूस हो सकता है.कैलिफ़ोर्निया की कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एइलिन बार्सेघियन कहती हैं कि शुरुआत में हार्ट अटैक को अपच समझा जा सकता है. लेकिन अपच से अलग, हार्ट अटैक में अक्सर शरीर के दूसरे हिस्सों में भी दर्द होता है, जैसे बाएं हाथ, जबड़े, पीठ और पेट में.दूसरे लक्षणों में चक्कर आना, सिर हल्का लगना, ज़्यादा पसीना आना, सांस लेने में तकलीफ़ और घरघराहट शामिल हैं.हालांकि कई बार हार्ट अटैक अचानक होता है, लेकिन कभी-कभी इसके चेतावनी संकेत कई घंटे या दिन पहले भी दिख सकते हैं. ऐसा सीने का दर्द जो आराम करने पर भी ठीक न हो, एक संकेत हो सकता है.डॉ. एइलिन बार्सेघियन कहती हैं, “अगर खून का बहाव तीन घंटे में बहाल नहीं होता तो प्रभावित दिल की मांसपेशियां मरने लगती हैं. मैं सलाह देती हूं कि तब तक एस्पिरिन चबाएं जब तक मेडिकल टीम पहुंच न जाए.”कार्डियोलॉजिस्ट ज़ोर देकर कहते हैं कि अगर आपको लगता है कि हार्ट अटैक हो रहा है तो तुरंत इलाज लें.अमेरिकी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. इवान लेविन कहते हैं, “आपको अपने बारे में और अपने रिस्क के बारे में पता होना चाहिए, मसलन उम्र, वज़न, धूम्रपान और शराब पीने की आदतें, साथ ही फैमिली हिस्ट्री. अगर ये सब आपके खिलाफ़ हैं और आपको सीने में दबाव महसूस हो रहा है तो तुरंत इमरजेंसी मेडिकल मदद लें.”शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि कार्डियोवैस्कुलर बीमारी को अक्सर ‘पुरुषों की बीमारी’ समझा जाता है.इस वजह से महिलाओं की मौजूदगी कार्डियोवैस्कुलर स्टडीज़ में कम रही है. नतीजा यह हुआ कि ज़्यादातर इलाज पुरुषों पर जांचे गए और बाद में उन्हें महिलाओं पर भी लागू कर दिया गया.इंग्लैंड में 3 लाख लोगों पर एक स्टडी हुई, जो ब्रिटिश मेडिकल जर्नल हार्ट में प्रकाशित हुई. यह स्टडी बताती है कि महिलाओं, काले लोगों और सामाजिक रूप से सबसे वंचित वर्गों के लोगों को दिल की बीमारी होने की सूरत में इलाज आसानी से नहीं मिल पाता. यूके की नेशनल हेल्थ सर्विस के मुताबिक़, कुछ रिस्क फैक्टर महिलाओं पर पुरुषों की तुलना में ज़्यादा असर डाल सकते हैं. इनमें हाई ब्लड प्रेशर, धूम्रपान और डायबिटीज़ शामिल हैं.हार्ट अटैक से बचाव कैसे करेंइमेज स्रोत, Getty Imagesइमेज कैप्शन, एक स्वस्थ जीवनशैली हार्ट अटैक को रोकने में सबसे ज़्यादा मददगार हो सकती हैंहार्ट अटैक का खतरा कम करने के कई तरीके हैं, जैसे डाइट और एक्सरसाइज के ज़रिए ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित करना.कोलेस्ट्रॉल खून में मौजूद वह पदार्थ है जो स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए ज़रूरी है. लेकिन कुछ प्रकार का कोलेस्ट्रॉल अगर बहुत ज़्यादा हो जाए तो यह दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा देता है.कार्डियोलॉजिस्ट ज़ोर देते हैं कि एक स्वस्थ जीवनशैली रोज़मर्रा की आदतों से ही संभव है और यह दिल की सुरक्षा में मदद करती है.कम वसा और ज़्यादा फाइबर वाला आहार सुझाया जाता है. नमक का सेवन रोज़ 6 ग्राम से ज़्यादा नहीं होना चाहिए, क्योंकि ज़्यादा नमक ब्लड प्रेशर बढ़ाता है.सलाह दी जाती है कि ज़्यादा प्रोसेस्ड फूड और सैचुरेटेड फैट वाली चीज़ें न खाएं, क्योंकि ये खून में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाती हैं. इनमें मीट, केक, बिस्किट, सॉसेज, बटर और पाम ऑयल वाली खाने की चीज़ें शामिल हैंसंतुलित आहार में अनसैचुरेटेड फैट होनी चाहिए. यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाती है और धमनियों को खुला रखने में मदद करती है. इनमें ऑयली फिश, एवाकाडो, मेवे और वनस्पति तेल शामिल हैं.स्वस्थ डाइट को नियमित एक्सरसाइज के साथ जोड़ना दिल की सेहत बनाए रखने का सबसे असरदार तरीका माना जाता है. संतुलित वज़न ब्लड प्रेशर बढ़ने की आशंका को कम करता है.कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. इवान लेविन सलाह देते हैं कि हफ़्ते में पांच दिन, रोज़ाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें. लेकिन उनकी सबसे अहम सलाह है कि “कभी भी” धूम्रपान या वेपिंग न करें.अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की एक स्टडी में 24,927 लोगों को शामिल किया गया. इसमें पाया गया कि जो लोग ई-सिगरेट और ट्रेडिशनल सिगरेट दोनों का इस्तेमाल करते हैं, उनमें वही दिल की बीमारी का खतरा होता है जो केवल सिगरेट पीने वालों में होता है. हालांकि केवल ई-सिगरेट इस्तेमाल करने वालों में यह खतरा 30 से 60 फीसदी कम पाया गया.अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, जिन लोगों को पहले एक बार हार्ट अटैक हो चुका है, उनमें से लगभग 20 प्रतिशत को अगले पांच साल में दोबारा हार्ट अटैक की वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है.इंपीरियल कॉलेज लंदन और लुंड यूनिवर्सिटी, स्वीडन के रिसर्चर्स के मुताबिक, हार्ट अटैक के बाद मरीजों को स्टैटिन और एज़ेटिमाइब दवाएं देने से दोबारा अटैक का खतरा कम होता है. ये दोनों कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली दवाएं हैं.डॉ. एइलिन बार्सेघियन कहती हैं, “हमारे पास दशकों का डेटा है जो बताता है कि जितना कम एलडीएल कोलेस्ट्रॉल होगा, दिल की बीमारी का जोखिम उतना ही कम होगा.”युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैंइमेज स्रोत, Getty Imagesइमेज कैप्शन, युवाओं की जीवनशैली को लेकर डॉक्टर चिंता जताते हैं कि इससे हार्ट अटैक के मामले बढ़ सकते हैंआम तौर पर हार्ट अटैक का खतरा उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता है, लेकिन यूएस नेशनल सेंटर फॉर हेल्थ स्टैटिस्टिक्स के आंकड़े बताते हैं कि युवा वयस्कों में इसके मामले बढ़े हैं.2019 में 18 से 44 साल की उम्र के करीब 0.3% लोगों को हार्ट अटैक हुआ. 2023 तक यह आंकड़ा बढ़कर 0.5% हो गया.डॉ. इवान लेविन का कहना है कि इस बढ़ोतरी की वजह युवाओं की जीवनशैली है, जिसमें प्रोसेस्ड फूड का ज़्यादा सेवन और व्यायाम की कमी शामिल है.वह कहते हैं, “हमें सबको ज़्यादा चलना-फिरना चाहिए. जिम जाना ज़रूरी नहीं है, लेकिन कुछ न कुछ व्यायाम करना ज़रूरी है. मुझे चिंता है कि कोविड के बाद घर से काम करने वाले लोग ग़लत और आलसी जीवनशैली अपना रहे हैं.”धूम्रपान धमनियों में फैटी डिपॉज़िट जमा होने (एथेरोस्क्लेरोसिस) का कारण माना जाता है. लेकिन कार्डियोलॉजिस्ट जैसे डॉ. इवान लेविन युवाओं पर वेपिंग (ई सिगरेट) के अज्ञात असर को लेकर भी चिंता जताते हैं.डॉ. एइलिन बार्सेघियन कहती हैं, “जेनेटिक रिस्क फैक्टर भी कम उम्र में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाते हैं. इसके अलावा तनाव और खराब नींद जैसे पर्यावरणीय कारणों को भी अब फैक्टर के तौर पर पहचाना जा रहा है.”बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित



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