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मिशन रोड सेफ्टी 2025: सुरक्षित भारत के लिए आवेदन का मौका

भारत में हर साल लाखों सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें कई निर्दोष जानें चली जाती हैं। ऐसे में, मिशन रोड सेफ्टी 2025 अब केवल नीति या आंकड़ों का विषय नहीं रहा, बल्कि यह हर परिवार, हर नागरिक की चिंता का विषय बन चुका है। इसी संदर्भ में भारत सरकार ने एक और ठोस कदम उठाते हुए वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सड़क सुरक्षा योजना पोर्टल को आमंत्रण के लिए खोल दिया है। यह सिर्फ एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म नहीं, बल्कि एक नई उम्मीद है—एक सुरक्षित भारत की दिशा में।

मिशन रोड सेफ्टी 2025: का उद्देश्य: हर जीवन की कीमत है

सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है: “दुर्घटना कम करो, जीवन बचाओ”। इस योजना के तहत चार प्रमुख स्तंभों—शिक्षा, इंजीनियरिंग, प्रवर्तन, और आपातकालीन प्रतिक्रिया (4Es)—पर फोकस किया गया है। ये वे चार स्तंभ हैं जो सड़क सुरक्षा को व्यावहारिक रूप से धरातल पर उतार सकते हैं।

मिशन रोड सेफ्टी 2025: का पोर्टल खोलने की समयसीमा

  • पोर्टल 16 अप्रैल 2025 से सभी आवेदकों के लिए खुला है।
  • आवेदन की अंतिम तिथि 15 मई 2025 रखी गई है।
  • केवल ऑनलाइन आवेदन ही मान्य होंगे, जिससे पारदर्शिता और प्रक्रिया की गति सुनिश्चित की जा सके।

मिशन रोड सेफ्टी 2025: के लिए कौन कर सकता है आवेदन?

इस योजना के अंतर्गत एनजीओ (NGOs) के लिए भी आवेदन का सुनहरा अवसर है। यदि आप सड़क सुरक्षा जागरूकता, प्रवर्तन या इमरजेंसी रिस्पॉन्स जैसे क्षेत्रों में सक्रिय कोई गैर-सरकारी संगठन हैं, तो आप इस योजना के तहत फंडिंग प्राप्त कर सकते हैं — बशर्ते आपकी गतिविधियाँ पिछले 3 वर्षों से सक्रिय और प्रामाणिक हों। यह योजना सिर्फ सरकारी विभागों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें अनेक हितधारकों को भी शामिल किया गया है:

  • राज्य सरकारों के परिवहन, सड़क निर्माण या लोक निर्माण विभाग
  • पुलिस विभाग और यातायात नियंत्रण इकाइयाँ
  • नगर निगम एवं शहरी स्थानीय निकाय
  • IITs, NITs, सरकारी तकनीकी संस्थान
  • मेडिकल कॉलेज एवं ट्रॉमा सेंटर
  • ट्रैफिक सुधार में लगे गैर-सरकारी संगठन (NGOs)

यह समावेशी दृष्टिकोण यह दर्शाता है कि सरकार समस्या के हर पहलू को ध्यान में रखते हुए समाधान की दिशा में बढ़ रही है।

क्या मिलेगा योजना के तहत?

  • चयनित परियोजनाओं को 100% केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी।
  • फंड का उपयोग किया जा सकता है:
    • सड़क सुरक्षा ऑडिट के लिए
    • ट्रैफिक सिग्नल, कैमरे, रिफ्लेक्टर और साइनेज लगाने में
    • पब्लिक अवेयरनेस कैंपेन चलाने में
    • ब्लाइंड स्पॉट और ब्लैक स्पॉट हटाने में
    • दुर्घटना स्थानों पर त्वरित प्रतिक्रिया की व्यवस्था में

मिशन रोड सेफ्टी 2025: में आवेदन प्रक्रिया: सरल लेकिन गंभीर

मिशन रोड सेफ्टी 2025:
  1. पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करें: https://roadsafety.morth.nic.in
  2. लॉगिन करके निम्नलिखित दस्तावेज़ अपलोड करें:
    • डीपीआर (Detailed Project Report)
    • बजट विवरण और कार्य योजना
    • पिछली दुर्घटना रिपोर्ट (यदि उपलब्ध हो)
  3. आवेदन को संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी से प्रमाणित कराना होगा।
  4. मंत्रालय की चयन समिति द्वारा समीक्षा और स्वीकृति के बाद ही फंड रिलीज़ किया जाएगा।

मिशन रोड सेफ्टी 2025: की समीक्षा कैसे होगी?

सरकार केवल आवेदन स्वीकार नहीं कर रही है, बल्कि उन्हें तकनीकी और सामुदायिक प्रभाव के आधार पर जांचा भी जाएगा।

  • दुर्घटना के आंकड़े
  • प्रस्तावित समाधान की व्यवहार्यता
  • नवाचार, तकनीकी उपयुक्तता और लागत-लाभ विश्लेषण

एक नज़र पीछे: क्या बदलाव आया?

2023-24 में इसी योजना के तहत 450 से अधिक परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी। इनमें शामिल हैं:

  • दिल्ली में सिग्नल रीकनेक्शन सिस्टम
  • मुंबई में ‘ब्लाइंड स्पॉट क्लीयरेंस’ ड्राइव
  • पटना में स्कूल ज़ोन मॉडर्नाइजेशन

इन प्रयासों से न केवल दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आई बल्कि आम लोगों का विश्वास भी बढ़ा।

असली बदलाव कहाँ दिखेगा?

यह योजना सिर्फ इन्फ्रास्ट्रक्चर तक सीमित नहीं है। जब एक आम राहगीर ट्रैफिक सिग्नल पर रुकता है, जब बच्चा स्कूल जाता है और सुरक्षित सड़क पार करता है, जब एम्बुलेंस को बिना रुकावट रास्ता मिलता है—तभी हमें समझ में आता है कि बदलाव जमीनी स्तर पर आया है।

क्यों जरूरी है यह पहल?

भारत दुनिया के उन देशों में है जहां सड़क हादसों में सबसे ज़्यादा जानें जाती हैं। WHO की रिपोर्ट के अनुसार, हर चार मिनट में एक व्यक्ति भारत में सड़क दुर्घटना का शिकार होता है। ऐसे में यह योजना सिर्फ एक प्रशासनिक कदम नहीं, बल्कि जीवन रक्षक नीतिगत फैसला है।

एक आम भारतीय की उम्मीद

“मेरे बेटे की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी क्योंकि वहां एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंची। अगर पहले से बेहतर व्यवस्था होती, तो शायद वह आज ज़िंदा होता।” — एक माता का दर्द जो इस योजना को वास्तविकता में बदलता देखना चाहती हैं।

ऐसे ही कई परिवारों की उम्मीद है यह योजना, जो शायद किसी के प्रिय को बचा सके।

निष्कर्ष

सड़क सुरक्षा कोई एक दिन की बात नहीं है। यह सतत प्रयास, सही नीति, और सामूहिक भागीदारी का परिणाम होती है। यह पोर्टल उन सभी के लिए एक अवसर है जो बदलाव लाना चाहते हैं।

अगर आप किसी सरकारी संस्था, तकनीकी संस्थान या सामाजिक संगठन से जुड़े हैं, तो यह समय है एक कदम आगे बढ़ाने का।

लिंक खोलिए, लॉगिन कीजिए, और अपनी भूमिका निभाइए—क्योंकि सुरक्षित भारत, समृद्ध भारत की बुनियाद है।

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