अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत-समृद्ध भारत’ के दृष्टिकोण की भावना को आगे बढ़ाते हुए ‘5जी और उससे आगे की तकनीकी तथा साइबर सिक्योरिटी लैब’ के विकास के लिए 21.01 करोड़ रुपये आवंटित करके जालंधर स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में डिजिटल बुनियादी ढांचे के निर्माण कार्य में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जालंधर के लिए स्वीकृत की गईं ये आधारभूत एवं ढांचागत सुविधाएं डिजिटल इंडिया की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ तालमेल बिठाने के उद्देश्य से उन्नत तकनीक की आवश्यकता पर जोर देती हैं और साथ ही किसी भी तरह की साइबर धोखाधड़ी वाली गतिविधियों से सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं। दोनों उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) लगभग 4,000 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए समर्पित हैं, जिसमें प्रत्येक अल्पसंख्यक समुदाय से 1,750 से 2,000 विद्यार्थियों को शामिल करने का लक्ष्य है, जो साइबर सुरक्षा की शिक्षा में विविधता एवं समान अवसर के प्रति वचनबद्धता पर जोर देता है।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने समावेशी व समग्र डिजिटल बुनियादी ढांचे के महत्व को स्वीकार करते हुए डिजिटल भारत के विकास में सहायता के लिए अपनी तरह की इस अनूठी परियोजना को मंजूर किया है। यह पहल विकसित भारत के लिए विजन 2047 के प्रति अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की वचनबद्धता को प्रदर्शित करती है।