दिल्ली विश्वविद्यालय के 100वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति के संबोधन का मूल पाठ

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सभी लोगों को सुप्रभात और हार्दिक बधाई!

दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में, मुझे इसके शताब्दी दीक्षांत समारोह में आप लोगों के बीच आकर बहुत प्रसन्नता महसूस हो रही है।

इस महत्वपूर्ण अवसर पर स्नातक छात्रों, उनके माता-पिता, उनके दोस्तों और संकाय सदस्यों को बधाई।

यह बहुतयादगार अवसर है! आपको प्रदान की गई डिग्री में कई नए अलंकरण शामिल किए गए हैं, जिनमें प्रतिभावान छात्रों की मां का नाम और उनकी रंगीन तस्वीर शामिल हैं। इस पदक वितरण समारोह ने मुझे 26 जनवरी के कर्तव्य पथ की याद दिला दी। 75वीं गणतंत्र दिवस परेड। बालिकाओं! आपलोग उस समय भी पूर्ण नियंत्रण में थीं और आज भी पूर्ण नियंत्रण में है और मैं आपको बता रहा हूं कि दुनिया इतनी बदलेगी जैसे पहले कभी नहीं बदली थी।

सितंबर, 2023 में देश की संसद द्वारा लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाली महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने का ऐतिहासिक कदम उठाया गया। अत्याधुनिक नीति-निर्माण की गुणात्मक रूप सेकल्पना करें जहां लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई से ज्यादा महिलाओं की भागीदारी होगी क्योंकि उन्हें एक तिहाई आरक्षण प्राप्त हुआ है। महिलाओं को मेरी ओर से विशेष बधाई।

कुलपति ने बहुत ध्यान रखा है। यह डिग्री मुद्रा नोटों की तरह 17 अद्वितीय सुरक्षा सुविधाओं से सुसज्जित है, जिससे नकल करना बहुत मुश्किल है। यह हमारी तकनीकी अनुकूलन क्षमता और हमारी तकनीकी क्षमता को दर्शाता है। सुखद बात यह है कि ड्रेस कोड हमारी संस्कृति से बहुत जुड़ा हुआ है।

दोस्तों, गणतंत्र के 75वें वर्ष में यह शताब्दी दीक्षांत समारोह केवल एक समारोह नहीं है, बल्कि इससे कहीं आगे है। यह आप सभी के लिए एक लॉन्चपैड है। कुछ हद तक श्रीहरिकोटा में इसरो रॉकेट लॉन्चपैड की तरह। यह सुरक्षित लॉन्चपैड आपको न केवल नए गंतव्यों तक पहुंचाएगा, बल्कि इस विश्वविद्यालय में आपने जो अमृत एकत्रित किया है वह आपको नई ऊंचाइयों तक लेकर जाएगा।

यह अमृत इस संस्थान के पवित्र परिसर में देर रात के अध्ययन सत्रों और हंसी-मजाक के दौरान बने दोस्ती के रूप में है। साझा अनुभवों, जीत एवं चुनौतियों ने आपको आकार प्रदान किया है। मुझे विश्वास है कि आपके दिमाग में कई विचार उत्पन्न हो रहे होंगे। यहां तक कि मशीन लर्निंग भी इसका निदान नहीं कर सकेगी। जो समय आपने बिताया है, शाम, देर रात की बातचीत, आपके द्वारा साझा किए गए विचारोत्तेजक विचार, आप उन्हें हमेशा याद रखेंगे, आप उन्हें संजोएंगे।

आपके पढ़ाई के दौरान कई साझा अनुभव, सफलता, असफलता, उतार-चढ़ाव रहे होंगे जिन्होंने मिलकर आपको आकार प्रदान किया है कि आप आज क्या हैं, बड़ी दुनिया में छलांग लगाने के लिए पूर्ण रूप से तैयार और तत्पर हैं। यह अमृत बौद्धिक विकास में है, आपने जो ज्ञान प्राप्त किया है वह अब आपकी जिज्ञासा को बढ़ाता है।

मैं आपको एक सुझाव देता हूं, एक सावधान करने वाला सुझाव! डिग्री प्राप्त करने के साथ आपका सीखना समाप्त नहीं होता है। आप हमेशा सीखते रहें क्योंकि सीखना आजीवन होता है और यही मानवता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। ये सिर्फ यादें नहीं हैं बल्कि ये आपके भविष्य की आधारशिला हैं। यहां प्राप्त हुए बंधनों को हमेशा बनाए रखें और मातृ संस्था के साथ अपना संपर्क लगातार बढ़ाते रहें।

आप इस महान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र के रूप में स्वयं को, अपने माता-पिता, अपने मित्रों को अपनी मातृसंस्था और राष्ट्र को गौरवान्वित करने के दृढ़ संकल्प को साथ लेकर चलें।

मित्रों, जैसा कि आप एक छलांग लगा रहे हैं, स्वस्थ एवं सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र आपका इंतजार कर रहा है। यहां पर आप अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अपनी प्रतिभा का पूरी तरह से विस्तार कर सकते हैं।

मित्रों, इस महत्वपूर्ण अवसर पर जब आप इस मार्ग पर खड़े हैं, मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि जिस भारत को आपकी प्रतीक्षा है वह न केवल आपका स्वागत कर रहा है, बल्कि सक्रिय और सक्षम भी है। वह भारत जो आपकी प्रतीक्षा कर रहा है उसके पास एक सकारात्मक पारिस्थितिकी तंत्र है, जो आपकी प्रतिभा, नवाचार और जुनून का इंतजार कर रहा है। आप अपनी योग्यता और लगाव के अनुसार उसे अपनी इच्छानुसार तैयार कर सकते हैं। यह रूपांतरित होने वाला देश है, जो आपको आपके सपनों की ओर ले जाने के लिए तैयार है। मैं आज इस देश की एक तस्वीर प्रस्तुत करता हूं – भारत@2047 के लिए लॉन्चपैड।

कानून के सामने समानता अब केवल एक संवैधानिक आदर्श नहीं है बल्कि यह एक स्वीकृत वास्तविकता है। जो लोग कभी कानून की पहुंच से बाहर होने के लिए बहुत आश्वस्त रखते थे, अब वे इसके मजबूत दायरे में आते हैं।

अब कानून लागू करने की क्षमता और जवाबदेही एक नया मानदंड है। कानून का पालन करने वाले नागरिक बहुत उत्साहित हैं जबकि इसका उल्लंघन करने वाले अपराधी भाग रहे हैं। यह भारत का वर्तमान परिदृश्य है। अब संरक्षण, भाई-भतीजावाद और पक्षपात के दिन समाप्त हो चुके हैं। अब भ्रष्टाचार के माध्यम से संपर्क और भर्ती समाप्त हो चुका है। संरक्षण योग्यता को बढ़ावा देता है और कानून सभी को जवाबदेह बनाता है।

आज जो भारत आपका इंतजार कर रहा है, वहां आपके लिए समान अवसर मौजूद हैं, वह आपके लिए अपनी प्रतिभा एवं कड़ी मेहनत से आगे बढ़ने का एक मंच प्रदान करता है। युवा प्रभावशाली दिमागों के लिए एक समान अवसर मिलने से ज्यादा फायदेमंद कुछ भी नहीं हो सकता है। आपके पास एक समान अवसर होगा। आपके पास एक समान अवसर है और आपको इसका फल प्राप्त करना है।

भ्रष्टाचार कमजोर लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है, महिलाओं को सबसे ज्यादा, वंचित लोगों को सबसे ज्यादा। यह बहुत लंबे समय से हमारे समाज का अभिशाप रहा है, भ्रष्टाचार के काले बादल जो हमारे देश पर बहुत लंबे समय तक छाए हुए थे, अब गायब हो चुके हैं। सत्ता के गलियारे, जहां बड़े फैसले लिए जाते थे और लिए जा रहे हैं, वे कभी भ्रष्ट एजेंटों से प्रभावित होते थे लेकिन अब उनका सफाया हो चुका है। कानूनी रूप से समर्थित निर्णय लेने के लिए अपने तंत्र के जड़ से उन्हें उखाड़ फेंके बिना कुछ भी संभव नहीं था। वे अब जा चुके हैं और सत्ता के गलियारों को सैनिटाइज कर दिया गया है।

अवसरों का सच्चा अर्थ केवल तभी प्राप्त हो सकता है जब उन अवसरों को प्राप्त करने वाले जानते हों कि हमारा आंकलन योग्यता के आधार किया जाएगा। समाज के समकालीन परिदृश्य में, अवसर अब योग्यता से निर्धारित किए जाते हैं न कि संरक्षण से। शासन अब बाधा बनने के बदले सक्षम बना रहा है। यह खुला और सुलभ है और बड़े पैमाने पर लोगों की सेवा कर रहा है और यह केवल विशेषाधिकार प्राप्त कुछ लोगों के लिए नहीं है।

आप उस भारत में कदम रख रहे हैं, जो पहले कभी इतना नहीं विकसित हुआ, यह नवाचारों और अवसरों से प्रेरित है। अवसंरचना के विकास में धीमी प्रगति के दिन लद चुके हैं। आज, हम विश्व स्तरीय अवसंरचना के साथ खड़े हैं, राजमार्गों, जो शहरों और गांवों में समान रूप से फैले हुए हैं, से लेकर रेलवे तक जो संपर्क का एक जाल बुनते हैं।

अगर मैं हाल के दिनों में हुए विकास का कुछ उदाहरण दूं, तो इनमें नया संसद भवन, भारत मंडपम, यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर शामिल हैं और यह हमारे देश के प्रतीक हैं जो नई ऊंचाइयां प्राप्त कर रहे हैं। यह केवल अवसंरचनाएं नहीं है, यह आपके सपनों की नींव है कि आप पहले से कहीं ज्यादा तेजी से आगे बढ़ें। लेकिन कंक्रीट और इस्पात को देखते हुए प्रगति का आकलन नहीं किया जा सकता है, यह हमारे देश के प्रत्येक क्षेत्र को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने और जोड़ने के बारे में है और यहीं पर प्रौद्योगिकी अपनी पैठ बनाती है।

वैश्विक संस्थान! वे हमारे देश के लिए एक अलग दृष्टिकोण रखते हैं। वैश्विक संस्थान हमेशा सावधानी बरतते थे और हमें बताते थे कि हमें क्या करना चाहिए। हम सुधार क्यों नहीं कर रहे हैं? वे अभी भी अन्य देशों के लिए ऐसा करते हैं, लेकिन जब भारत की बात आती है तो विश्व बैंक, आईएमएफ और इस प्रकार के सभी संस्थान हमारे डिजिटल विकास और हमारी विस्तृत तकनीकी पहुंच को स्वीकार करते हैं।

ग्रामीण संपर्क परिवर्तनकारी रही है और सूचना एवं अवसर को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा रही है। डिजिटल विभाजन पहले से ही हमारे समर्थन में है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत एक वैश्विक नेता के रूप में उभर कर सामने आया है। केवल एक का उल्लेख करना चाहता हूं जैसे कि योग, जो सदियों से हमारे साथ है और जिसका उल्लेख हमारे वेदों में है, यह अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसे अपनाने में कोई पैसा नहीं लगता है। यह हमारी सभ्यता में निहित एक प्राचीन प्रथा है और अब यह एक विश्वव्यापी दृश्य बन चुका है।

संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री श्री मोदी की पहल को सबसे कम समय में सबसे ज्यादा देशों का समर्थन मिला और संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया। दुनिया अब भारत की नरम कूटनीति को एक स्थिर शक्ति के रूप में पहचानती है। अफ्रीकी संघ के शामिल होने और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप व्यापार मार्ग की घोषणा के साथ जी20 कई मायनों में एक शानदार सफलता रही है। जी20 शिखर सम्मेलन में भारत ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज बनकर सामने आया है।

दोस्तों, निर्बाध सीमा पार लेनदेन को सक्षम बनाने के उपायों के बीच यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) जैसी हमारी डिजिटल भुगतान प्रणालियां लगातार वैश्विक आकर्षक का केंद्र बन रही है। यूपीआई भुगतान अब सिंगापुर, मलेशिया, यूएई, फ्रांस, नेपाल, ब्रिटेश, मॉरीशस, श्रीलंका में स्वीकार किए जा रहे हैं।

दोस्तों, यह तो स्पष्ट हो चुका है कि दुनिया भारत पर विश्वास करती है। अब समय आ गया है कि हम सब पूरी गंभीरता के साथ इस विश्वास का समर्थन करें। आज जो हम देख रहे हैं उसके साथ खड़ा रहना हैं। जब कभी हम भारत की बात करते हैं तो हम अभूतपूर्व वृद्धि और तीव्र वृद्धि की बात करते हैं। आप जिस भारत में प्रवेश कर रहे हैं, वह न केवल बदल रहा है, बल्कि अत्यधिक संभावनाओं से भरा हुआ है। भारत वैश्विक व्यवस्था को बहुत अच्छी तरह से परिभाषित कर रहा है।

मेरी आप सभी से अपील है, विशेष रूप से युवा बालकों और बालिकाओं से, कि समय आ चुका है कि कोष्‍ठागार से बाहर निकलें, अस्थिर सीमाओं को समाप्त करें, अपनी छलांग लगाएं क्योंकि यह एक ऐसा देश है जो सितारों और उससे भी आगे पहुंच रहा है। दोस्तों, आप एक ऐसी दुनिया में हैं जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उन समस्याओं का समाधान करता है जिन्हें हमने अब तक असंभव समझ लिया था, जहां क्वांटम कंप्यूटिंग ब्रह्मांड के रहस्यों को खोलती है। जहां ब्लॉकचेन और मशीन लर्निंग ने संचार और नेटवर्किंग सिस्टम को प्रभावित किया है। यह कोई विज्ञान की कथा नहीं है बल्कि आपके सामने दिखाई देने वाली एक वास्तविकता है जो आपके योगदान की प्रतीक्षा कर रही है। भारत विधटनकारी प्रौद्योगिकियों में इस क्रांति में सबसे आगे है। हम केवल इन तकनीकों के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, हम अरबों का निवेश कर रहे हैं, अवसंरचना का निर्माण कर रहे हैंऔर आप सभी के लिए इस भविष्य का वास्तुकार बनने का अवसर उत्पन्न कर रहे हैं।

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन इसका एक उदाहरण है। हम विश्व के उन सात देशों में शामिल हैं जो इस गेम-चेंजिंग तकनीक की सीमाओं को आगे बढ़ा रहे हैं। उन संभावनाओं के बारे में सोचें जो आपकी प्रतीक्षा कर रही हैं। बीमारियों से निपटने, क्रांतिकारी सामग्री तैयार करने और ब्रह्मांड के रहस्यों का पता लगाने की कल्पना करें – सब कुछ आपकी पहुंच में है। मैं आपको विशेष रूप से यह जानकारी प्रदान कर रहा हूं क्योंकि लंबे समय से हमारे युवाओं ने एक विचार को कायम रखा था कि कोष्ठागार में अवसर सीमित हैं। जैसा कि मैंने कहा है कि उनमें से अनेक अवसर अन्य जगह उपलब्ध हैं।

दोस्तों! हमारी प्रतिबद्धता डिजिटल दायरे से परे है। ग्रीन हाइड्रोजन मिशन एक स्वच्छ, हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। हमारे शहरों, उद्योगों और यहां तक कि स्वच्छ, नवीकरणीय हाइड्रोजन के साथ वाहनों को सुसज्जित करने, रोजगार उत्पन्न करने और हमारे ग्रह की रक्षा करने की कल्पना करें, यहएक और अवसर जो आपके कौशल की प्रतीक्षा कर रहा है।

अगर आपको लगता है कि अंतरिक्ष पहुंच से बाहर है, तो एक बार फिर से सोचें। चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग केवल एक शुरुआत है। ब्रह्मांड का अन्वेषण हमें करना है और भारत इसको अपना नेतृत्व प्रदान कर रहा है। हमारा देश दूसरे देशों के सैटेलाइटों को ब्रह्मांड में प्रक्षेपित कर रहा है क्योंकि अच्छी तकनीक उनके लिए मूल्यवान साबित हो सकती है और यही कारण है कि अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर जैसे देश हमारी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं।

मेरे नौजवान साथियों, ये उपलब्धियां केवल एक मील का पत्थर नहीं हैं, दरवाजे खुले हुए हैं। आपके प्रवेश के लिए दरवाजे खुले हुए हैं, उन अधिकांश अवसरों का लाभ उठाएं जो आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।

मैं इनमें से कुछ अवसरों का उल्लेख उन विशाल अवसरों के लिए कर रहा हूं जो कई नए अवसरों के लिए आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। मैं कुलपति से एक विशेष सत्र का आयोजन करने का आग्रह करूंगा। हमारे युवाओं को पता होना चाहिए कि बदलते भारत में कौन से अवसर उनका इंतजार कर रहे हैं जो एक विकसित भारत@2047 बनने की राह पर अग्रसर है।

दोस्तों! अपने आप को पारंपरिक राह तक सीमित न रखें। प्रतियोगी परीक्षाओं को एकमात्र विकल्प के जुनून के रूप में न लें। मैं दृढ़ विश्वास के साथ कहता हुं कि मेरे अनुसार, सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए प्रतियोगी परीक्षा विकास के कई मार्ग में से केवल मार्ग एक है लेकिन यह आवश्यक नहीं है कि यह सबसे अच्छा मार्ग हो। मैं इसे बहुत नीचे रखूंगा, क्योंकि यह अन्य क्षेत्रों में योगदान करने की आपकी क्षमता, राष्ट्र को गौरवान्वित करने की क्षमता से परे है। भारत को आपसे अपेक्षाएं हैं, न केवल कर्मचारियों के रूप में, बल्कि नवप्रवर्तकों, उद्यमियों और परिवर्तन निर्माता के रूप में।

अमृत काल केवल एक शुरुआत है, भारत@2047 के लिए लॉन्चपैड, एक ऐसा भविष्य जिसे आप न केवल देखेंगे, बल्कि इसे लिखेंगे और वास्तविक बनाएंगे। दोस्तों, यह आपका समय है। आप दृढ़ हैं, आप बड़े हो चुके हैं और अब आप अपनी यात्रा के अगले अध्याय को शुरू करने वाले हैं। मैं न केवल चेहरों का विशाल सागर देख रहा हूं, बल्कि क्षमता, प्रतिभा और सपनों का सागर देख रहा हूं जो साकार होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। एक छलांग लगाएं, पारिस्थितिकी तंत्र आपके अनुकूल, स्वस्थ और सक्षम है और आपको अपने सपनों एवं आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अपनी प्रतिभा और क्षमता का पूर्ण दोहन करने की अनुमति प्रदान करता है। महिलाओं के लिए लोकसभा और विधानसभाओं में एक तिहाई सीटों के आरक्षण का हालिया संवैधानिक आदेश, एक युगांतरकारी विकास है। यह ज्यामितीय और गुणात्मक रूप से हमारी नीतियों एवं शासन में सुधार करेगा। यह भारत@2047 को वैश्विक नेता के रूप प्रदान करने के वाले प्रमुख कारकों में से एक साबित होगा।

यह एक मान्यता है कि हमारा राष्ट्र तभी फलता-फूलता है जब लैंगिक भेदभाव के बिना सभी को योगदान का समान अवसर प्राप्त होता है। दोस्तों, अंत में मैं बस इतना कहना चाहता हूँ कि भविष्य उनका होता है जो साधारण से आगे बढ़कर बड़े और सशक्त सपने देखने की हिम्मत करते हैं। असफलता के डर को अपने ऊपर कभी हावी न होने दें। मेरा विश्वास कीजिए, पूरा विश्व इस बात से सहमत है कि भारत, जो मानवता के छठे भाग का घर है, हमारे लिए और विश्व के लिए आशा की भूमि है।

भारत की यात्रा को देखें। रॉकेट के पुर्जों को साइकिल पर ले जाने से लेकर दुनिया के लिए उपग्रहों को प्रक्षेपित करने तक, हमने सपने देखने की हिम्मत दिखाई है और हमने असंभव को संभव बनाकर दिखाया है। आइए हम एक साथ मिलकर अमृत काल की एक जीवंत तस्वीर पेश करें। अपनी प्रतिभा, जुनून और अद्वितीय दृष्टिकोण को ब्रशस्ट्रोक बनने दें जो एक उज्जवल भविष्य को आकार देते हैं। यह नया भारत आपका कैनवास है और यहां संभावनाएं अनंत हैं जो कभी खत्म नहीं होगी।

मैं आपसे अपील करता हूं कि राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखें क्योंकि यह वैकल्पिक नहीं हो सकता है। देश के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को कभी कमजोर नहीं किया जा सकता है और यह शत प्रतिशत और 24X7 होना चाहिए।

आप उन लोगों से सावधान रहें जिनके पास राष्ट्रविरोधी आख्यानों को स्थापित करने की अतृप्त भूख है। उन लोगों से सावधान रहें जो हमारी तीव्र एवं अभूतपूर्व आर्थिक एवं विकासात्मक वृद्धि के लिए शुतुरमुर्ग जैसा रुख अपनाते है। उन लोगों से सावधान रहें जो राष्ट्र की सेवा करने के बदले अराजकता को बढ़ावा देते हैं।

समझदार दिमाग, सबसे महत्वपूर्ण शासन हितधारकों और सबसे बड़े लोकतंत्र के कीमती सदस्य रूप में, यह आपका दायित्व है कि आप उन सभी को बेअसर करें जो रणनीतिक रूप से हमारी राष्ट्रीय छवि को कलंकित करने और हमारी संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने में संलग्न हैं।

याद रखें, आप सभी भारत@2047 के मैराथन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इसकी सफलता आपके कंधों पर है, मुझे हर आशा, उम्मीद और आत्मविश्वास है कि राष्ट्र सफल होगा क्योंकि हमारे युवा असफल होने का जोखिम नहीं उठा सकते। आप न केवल अपने भाग्य के वास्तुकार हैं, बल्कि हमारे साझा भविष्य के निर्माता भी हैं।

न केवल अपने लिए, बल्कि देश और दुनिया के लिए अपनी पहचान बनाएं क्योंकि हम ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ में विश्वास करते हैं।

बालकों और बालिकाओं, मेरा निष्कर्ष यह है कि विकसित भारत@2047 की कुंजी आपके पास है। आप इसे अनलॉक करें!

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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