भारी उद्योग मंत्रालय ने पीएलआई योजना के तहत उन्नत रसायन विज्ञान सेल विनिर्माण सुविधाओं की स्थापना के लिए बोलीदाताओं का चयन करने के लिए वैश्विक निविदा के लिए बोली से पूर्व बैठक बुलाई

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सरकार का लक्ष्य देश के भीतर किसी भी विशेष प्रौद्योगिकी के विनिर्माण को निष्‍पक्ष होकर बढ़ावा देना है

डॉ. महेन्‍द्र नाथ पांडे ने भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्रांति में भाग लेने के लिए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों को अनुकूल वातावरण प्रदान करने की सरकार की अटूट प्रतिबद्धता पर जोर दिया

बैठक में 18 कंपनियों के 45 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया; बोली की नियत तिथि 22 अप्रैल, 2024 है

भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) ने 10 गीगावॉट पीएलआई एसीसी संचयी क्षमता के उद्देश्‍य से उन्नत रसायन कोशिकाओं (एसीसी) के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के अंतर्गत नई दिल्ली में आईएफसीआई लिमिटेड में निविदा से पूर्व बोली के लिए सफलतापूर्वक बैठक बुलाकर दूसरे दौर की नींव रखी। बैठक कल आयोजित की गई जिसमें नीति आयोग, विद्युत मंत्रालय, एमएनआरई और उद्योग संघ आईईएसए सहित उद्योग हितधारकों और सरकारी संगठनों की मजबूत भागीदारी देखी गई, जो एसीसी विनिर्माण में भारत की क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

निविदा के लिए बोली से पूर्व बैठक आगामी वैश्विक निविदा की तैयारी के लिए आयोजित की गई थी, जिसमें गीगा-स्केल एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) विनिर्माण सुविधाओं की स्थापना के लिए बोली मांगी गई थी, जो संचयी रूप से 10 गीगावॉट क्षमता की थी। महत्वाकांक्षी पीएलआई एसीसी योजना के तहत, भारत सरकार का लक्ष्य नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, देश के भीतर किसी भी विशेष प्रौद्योगिकी के विनिर्माण को निष्‍पक्ष होकर बढ़ावा देना है।

मंत्रालय ने 10 गीगावॉट एसीसी क्षमता के लिए वैश्विक निविदा के दायरे और उद्देश्यों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। तकनीकी विशिष्टताओं, पात्रता मानदंड और मूल्यांकन प्रक्रिया पर और स्पष्टीकरण प्रदान किए गए। यह भी बताया गया कि बोलीदाताओं से प्रश्न प्राप्त करने की अंतिम तिथि 4 मार्च, 2024 है।

इस अवसर पर, केन्‍द्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेन्‍द्र नाथ पांडे ने इस आयोजन को निविदा प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। उन्होंने टिकाऊ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में विश्‍व स्‍तर पर भारत की अग्रणी स्थिति को आगे बढ़ाने में पीएलआई एसीसी योजना के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के आत्मनिर्भर और विकसित भारत के संकल्प के अनुरूप भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्रांति में भाग लेने के लिए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों के लिए एक अनुकूल वातावरण की सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

निविदा दस्तावेज 24 जनवरी, 2024 से उपलब्ध हैं और बोली की नियत तारीख 22 अप्रैल, 2024 है। बोलियाँ 23 अप्रैल, 2024 को खोली जाएंगी। बोली प्रक्रिया सीपीपी पोर्टल के माध्यम से गुणवत्ता और लागत आधारित चयन (क्यूसीबीएस) ढांचे के तहत ऑनलाइन पारदर्शी दो-चरण की प्रक्रिया का पालन करेगी। इस प्रकार का रास्‍ता अपनाने से बोली लगाने वालों के चयन में निष्पक्षता, पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित होगी, जिससे भारत के एसीसी विनिर्माण परिदृश्य में योगदान करने के लिए सर्वश्रेष्ठ वैश्विक प्रतिभा आकर्षित होगी।

पीएलआई एसीसी योजना और वैश्विक निविदा प्रक्रिया पर अधिक जानकारी और अपडेट के लिए, इच्छुक पार्टियां भारी उद्योग मंत्रालय या सीपीपी पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकती हैं।

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