केंद्र सरकार उपभोक्ता संरक्षण और उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है

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उपभोक्ता मामले विभाग प्रगतिशील कानून बनाकर उपभोक्ता संरक्षण और उपभोक्ताओं के सशक्तिकरण के लिए लगातार काम कर रहा है। वैश्वीकरण, प्रौद्योगिकियों, ई-कॉमर्स बाजारों आदि के नए युग में उपभोक्ता संरक्षण को नियंत्रित करने वाले ढांचे को आधुनिक बनाने की दृष्टि से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम- 1986 को निरस्त कर दिया गया और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम- 2019 को लागू किया गया है।

विभाग ने उपभोक्ताओं को ई-कॉमर्स में अनुचित व्यापार अभ्यासों से रक्षा के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम- 2019 के प्रावधानों के तहत उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम- 2020 को अधिसूचित किया है। ये नियम अन्य बातों के साथ-साथ ई-कॉमर्स कंपनियों की जिम्मेदारियों को रेखांकित करते हैं और ग्राहक शिकायत निवारण के प्रावधानों सहित मार्केटप्लेस व इन्वेंट्री ई-कॉमर्स कंपनियों की देनदारियों को निर्धारित करते हैं।

उपभोक्ताओं/अधिवक्ताओं को मामलों के त्वरित व सुगम समाधान को लेकर घर से या कहीं से भी ई-दाखिल पोर्टल के माध्यम से उपभोक्ता शिकायतों को ऑनलाइन दर्ज करने की सुविधा प्रदान करने के लिए “edaakhil.nic.in” नामक एक उपभोक्ता आयोग ऑनलाइन आवेदन पोर्टल विकसित किया गया है। ई-दाखिल को देश के 35 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में लागू किया गया है।

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने 9 जून, 2022 को भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम और भ्रामक विज्ञापनों  अनुमोदन के लिए दिशानिर्देश- 2022 को अधिसूचित किया है। ये दिशानिर्देश अन्य बातों के साथ-साथ- (क) किसी विज्ञापन के गैर-भ्रामक और वैध होने की शर्तें, (ख) लुभावने विज्ञापनों और मुफ्त दावा विज्ञापनों के संबंध में कुछ शर्तें, और (ग) विनिर्माता, सेवा प्रदाता, विज्ञापनदाता और विज्ञापन एजेंसी के कर्तव्य, का प्रावधान करते हैं।

डार्क पैटर्न्स में उपभोक्ताओं को ऐसे विकल्प चुनने के लिए धोखा देने, मजबूर करने या प्रभावित करने के लिए डिजाइन और पसंद आर्किटेक्चर का उपयोग करना शामिल है, जो उनके सर्वश्रेष्ठ हित में नहीं हैं। डार्क पैटर्न्स में ड्रिप मूल्य निर्धारण, प्रच्छन्न विज्ञापन, चारा व स्विच, झूठी तात्कालिकता आदि जैसे हेरफेर अभ्यासों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। ऐसे अभ्यास उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम- 2019 के तहत परिभाषित “अनुचित व्यापार अभ्यासों” की श्रेणी में आते हैं।

सीसीपीए ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम- 2019 की धारा 18 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए डार्क पैटर्न्स की रोकथान व विनियमन के लिए 30 नवंबर, 2023 को 13 निर्धारित डार्क पैटर्न्स को सूचीबद्ध किया है और “डार्क पैटर्न्स की रोकथाम व विनियमन के लिए दिशानिर्देश- 2023 जारी किए हैं।

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने ई-कॉमर्स में नकली व भ्रामक समीक्षाओं से उपभोक्ता हितों की सुरक्षा करने के लिए 23 नवंबर, 2022 को ‘ऑनलाइन उपभोक्ता समीक्षाएं- उनके संग्रह, मॉडरेशन व प्रकाशन के लिए सिद्धांत और आवश्यकताएं’ पर ढांचा अधिसूचित किया है। ये मानक स्वैच्छिक हैं और हर उस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लागू होते हैं, जो उपभोक्ता समीक्षाएं प्रकाशित करता है। इन मानकों के मार्गदर्शक सिद्धांत ईमानदारी, सटीकता, गोपनीयता, सुरक्षा, पारदर्शिता, पहुंच और जवाबदेही है।

यह जानकारी केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने आज राज्य सभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी।

 

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