श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने तेज हवाई यात्रा सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक अंतरराष्ट्रीय यात्रा मानदंडों के साथ तालमेल बिठाने पर जोर दिया

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► हवाई अड्डों पर आव्रजन और सुरक्षा जांच प्रक्रियाओं को तेज़ करने के लिए हवाईअड्डे के डिज़ाइन में बदलाव और प्रौद्योगिकियों पर जोर

► भारत में अंतरराष्ट्रीय विमानन केंद्र बनाने के हमारे दृष्टिकोण में किए जा रहे उपाय महत्वपूर्ण हैं : श्री सिंधिया

केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज हवाई अड्डा संचालकों, सीआईएसएफ और आव्रजन कार्यालय के अधिकारियों के साथ सलाहकार समिति समूह की बैठक की अध्यक्षता की। इसमें हवाईअड्डे के इंटीरियर डिजाइन में संभावित बदलावों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए आव्रजन और सुरक्षा जांच प्रक्रियाओं में तेजी लाने की नई तकनीकों पर चर्चा की गई। इसे भारत को अंतरराष्ट्रीय विमानन केंद्र बनाने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है।

इस बैठक में सिंगापुर और कनाडा जैसे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के मॉडल के अध्ययन से प्राप्त समाधानों पर चर्चा हुई। चर्चा के मुख्य अंशों में शामिल हैं:

एक्सबीआईएस मशीनों का उपयोग : मशीनों की अधिक उपलब्धता सुनिश्चित करने और प्रतीक्षा समय में कमी लाने के लिए दिल्ली हवाई अड्डे पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय एक्सबीआईएस मशीनों के बेहतर इस्तेमाल की संभावना तलाशना।

नई तकनीकों की तैनती : आव्रजन के लिए ई-गेट्स और ई-बायोमेट्रिक्स के उपयोग के लिए प्रूफ ऑफ कंसेप्ट परीक्षण पहले से ही चल रहा है। इन्हें हवाई यात्रा में दक्षता और सुरक्षा के मानकों को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार किया गया है।

श्रमशक्ति में वृद्धि: सीआईएसएफ और आव्रजन अधिकारियों की श्रमशक्ति की आवश्यकता के संबंध में गहन विश्लेषण किया गया है। इस विश्लेषण में मौजूदा हवाई अड्डों के साथ-साथ देश भर में बनने वाले नए हवाई अड्डों के नियोजित विस्तार को भी ध्यान में रखा गया है।  इनमें जेवर, नवी मुंबई और अन्य हवाई अड्डे भी शामिल हैं।

केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने भारत के नागरिक उड्डयन परिदृश्य को बदलने के लिए नवाचार को अपनाने और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की सरकार की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया। उन्होंने भारत को हवाई यात्रा के क्षेत्र में दुनिया भर में अग्रणी के रूप में स्थापित करने के लिए मंत्रालय के समर्पण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश में कई विमानन केंद्र बनाने का लक्ष्य है।

गृह मंत्रालय (एमएचए), विदेश मंत्रालय (एमईए), नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए), आप्रवासन ब्यूरो (बीओआई), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के हितधारक बैठक में उपस्थित थे।

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