झगडिया जीआईडीसी में पिछले एक पखवाड़े में रहस्यमय परिस्थितियों में 14 गायों की मौत के बाद भी तथाकथित पर्यावरणविद् और गौरक्षक चुप क्यों हैं?

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रिपोर्टर: सोहेल मंसूरी, भरूच

झगडिया स्थित जीआईडीसी में पिछले 10 से 15 दिनों में 14 गायों की मौत की घटना से पूरे पंथक में हड़कंप मच गया है.घटना के विगतो पर नजर डालें तो सरदारपुरा चौक के पास करीब 10 गायों की मौत हो गई. पिछले 15 दिनों के दौरान जीआईडीसी में जहां 26 तारीख को एक साथ 4 गायें मृत पाई गईं, वहीं 14 गायों की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत होने की जानकारी मिली है।
इस संबंध में झगडिया जीआईडीसी एसोसिएशन के पदाधिकारी चैतन्य चादरवाला ने झगडिया थाने में गायों की मौत की सूचना दी और पुलिस ने संज्ञेय शिकायत दर्ज की. मामले को लेकर एक रहस्य भी है. इतनी बड़ी संख्या में गायों की मौत के बाद भी यह सवाल उठ रहा है कि इस घटना को इतनी गंभीरता से क्यों नहीं लिया गया, जैसे यह कोई छोटी घटना हो. फिर, जैसा कि कहा जाता है, पर्यावरण के पैरोकार और तथाकथित गोरक्षक अब तक इस मामले पर चुप क्यों हैं, समय-समय पर कुछ कंपनियों द्वारा रासायनिक रूप से प्रदूषित पानी सार्वजनिक रूप से छोड़े जाने की घटनाओं को लेकर भी एक रहस्य पैदा हो गया है। जीआईडीसी के कुछ स्थानों पर कूड़े के ढेर पाए जाते हैं और स्वाभाविक है कि ये अपशिष्ट भी रासायनिक रूप से समृद्ध होते हैं, फिर एक समय में 14 गायों की मौत का कारण जीआईडीसी का दूषित पानी पीना या ठोस कचरा खाना इस घटना में होने की पूरी संभावना नजर आ रही है और इन गायों का मालिक कौन है इस पर कोई प्रकाश नहीं है. तालुका जिले के अधिकारी और जागरूक नागरिक इस मामले में कब आगे आएंगे ? इस संबंध में प्रारंभिक आधार पर यह मृत गायों का होना पाया गया एक पशुचिकित्सक द्वारा पोस्टमॉर्टम किया गया था लेकिन अगर एक फोरेंसिक जांच की गई होती
घटना के मूल कारण तक पहुंचने के लिए मदद मीलती.
जीआईडीसी की स्थितियाँ खराब होने के बावजूद प्रभावी सहायता प्राप्त की जा सकती है 14 गायों की आकस्मिक मौत को लेकर बना रहस्य साफ़ दिखाई दे रहा है.

 

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