इमेज स्रोत, Getty Imagesइमेज कैप्शन, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 जुलाई शुक्रवार को मालदीव की राजधानी माले पहुंचे थे26 जुलाई 2025भारत ने कहा है कि मालदीव के साथ उसके संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा का हवाला देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने शुक्रवार को कहा कि भारत मालदीव के साथ अपने रिश्ते और मज़बूत करना चाहता है.दरअसल विक्रम मिसरी ने ये टिप्पणी उस सवाल के जवाब में की थी, जिसमें मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू के नज़दीकी रिश्तेदार और धार्मिक संगठन सलफ़ जमीअत के अध्यक्ष अब्दुल्लाह बिन मोहम्मद इब्राहिम की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर की गई एक कथित टिप्पणी का ज़िक्र था.इस पोस्ट में पीएम मोदी को कथित तौर पर मुस्लिम विरोधी बताया गया था. हालांकि बाद में उन्होंने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया था.मालदीव की भाषा धिवेही की न्यूज़ वेबसाइट अधाधु डॉट कॉम ने अब्दुल्लाह बिन मोहम्मद की पोस्ट पर एक स्टोरी की थी.इस स्टोरी में कहा गया था कि अब्दुल्लाह बिन मोहम्मद इब्राहिम मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू की पत्नी साजिदा मोहम्मद के भाई हैं.इसके अलावा मालदीव में कई एक्स अकाउंट ने पीएम मोदी के स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर मालदीव का दौरा करने को लेकर सवाल उठाए थे. अब्दुल्लाह बिन मोहम्मद की कथित पोस्ट पर के बारे में सवाल पूछने पर विक्रम मिसरी ने कहा, ”भारत और मालदीव ने पहले भी इस तरह की टिप्पणियों की कोई परवाह नहीं की है.” “आज मालदीव और भारत के रिश्तों की जो स्थिति है, वह ख़ासतौर पर पिछले नौ-दस महीनों के दौरान राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू की भारत का यात्रा का नतीजा है. इसे देखते हुए निश्चित तौर पर भारत और मालदीव के रिश्ते का भविष्य अच्छा है.”मालदीव और भारत के रिश्ते क्यों बिगड़े थे? इमेज स्रोत, Getty Imagesइमेज कैप्शन, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा है कि मालदीव के साथ रिश्तों का भविष्य काफ़ी अच्छा है. (फ़ाइल फ़ोटो) ये घटना उन कई हालिया घटनाओं में से एक है, जो 2023 में राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू के सत्ता में आने के बाद भारत और मालदीव के संबंधों में तनाव की वजह बनी थी.मुइज़्ज़ू को पहले राष्ट्रपतियों की तुलना में ज़्यादा चीन समर्थक माना जाता रहा है.ये रिश्ते 2023 में तब बिगड़ गए थे, जब मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने “इंडिया आउट” अभियान की पृष्ठभूमि में राष्ट्रपति चुने गए थे. इस कैंपेन का उनकी जीत में अहम योगदान माना जाता है.इसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव तब और बढ़ा जब मुइज़्ज़ू सरकार के कुछ मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पोस्ट किए. इसके बाद भारतीय पर्यटकों ने मालदीव न जाने की अपील करते हुए सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया था.मालदीव भारतीय पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. यहां सबसे ज़्यादा चीन और भारत के पर्यटक जाते रहे हैं. पर्यटन मालदीव की अर्थव्यवस्था में बड़ी भूमिका निभाता है.चुनाव जीतने के बाद शुरुआत के महीनों में मुइज़्ज़ू भारत को लेकर बहुत आक्रामक थे और चीन से संबंध गहरे करने की बात कर रहे थे.मुइज़्ज़ू ने पिछले साल 13 जनवरी को चीन का दौरा किया था और इस दौरे के बाद भारत का बिना नाम लिए निशाना साधा था.मुइज़्ज़ू ने भारत का नाम लिए बिना कहा था, ”मालदीव भले छोटा देश है लेकिन इससे किसी को हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता है.”उन्होंने अपने से पहले की सरकार में मालदीव के आंतरिक मामलों में भारत पर हस्तक्षेप का आरोप लगाया था.लेकिन मालदीव कई तरह के आर्थिक संकट से जूझ रहा था और इस संकट से निकलने में भारत की मदद मिलने के बाद मुइज़्ज़ू की आक्रामकता कम होती गई.भारत ने मालदीव को क़र्ज़ चुकाने की मियाद बढ़ा दी थी और करेंसी स्वैप भी किया था.रिश्तों को बेहतर करने की कोशिश इमेज स्रोत, Getty Imagesइमेज कैप्शन, 2023 में दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ने के बाद मालदीव की आर्थिक दिक़्क़तों ने उसे भारत से संबंध सुधारने की ओर प्रेरित किया.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा को भारत और मालदीव के रिश्तों को सामान्य करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.2023 में दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ने के बाद मालदीव की आर्थिक दिक़्क़तों ने उसे भारत से संबंध सुधारने की ओर प्रेरित किया.वहीं भारत ने भी हिंद महासागर में अपनी सुरक्षा और सामरिक ज़रूरतों को ध्यान में रखकर इस ‘कड़वाहट’ को भुलाकर मालदीव से रिश्ते सुधारने पर ध्यान दिया.2024 तक हालात सुधरने लगे भारत और मालदीव ने फिर से राजनयिक संवाद शुरू करने का फ़ैसला किया. पहले मालदीव के कुछ मंत्रियों और फिर बाद में मुइज़्ज़ू ने अक्टूबर 2024 में भारत का दौरा किया.इसके बाद दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत करने की कोशिश करते दिखे.शुक्रवार को मालदीव पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत और मालदीव के संबंध इतिहास से भी पुराने हैं और समंदर जितने गहरे हैं. भारत, मालदीव का सबसे निकटतम पड़ोसी है. मालदीव, भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और ‘विज़न महासागर’ दोनों में अहम स्थान रखता है. भारत को गर्व है कि वह मालदीव का सबसे भरोसेमंद दोस्त है.”वहीं राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगातार 4,078 दिन तक पद पर बने रहने के लिए बधाई दी.भारत और मालदीव एक दूसरे के लिए क्यों ज़रूरी? विश्लेषकों का कहना है कि भारत और मालदीव के रिश्तों में अभी पुरानी गर्माहट आना बाक़ी है लेकिन दोनों इस दिशा में कुछ आगे बढ़े हैं.विदेश नीति से जुड़े मुद्दों पर काम करने वाले थिंक टैंक अनंता सेंटर की सीईओ इंद्राणी बागची ने हाल में मालदीव और भारत के रिश्तों के बारे में बीबीसी से बात करते हुए कहा था, ”राजनीतिक स्तर पर भी सब कुछ ठीक नहीं हो गया है. हाँ ये ज़रूर है कि सत्ता में आने के बाद मुइज़्ज़ू को इंडिया आउट कैंपेन से बहुत कुछ हासिल नहीं होना था. इस इलाक़े में भारत किसी भी देश में मुश्किल घड़ी में पहले पहुँचता है. भारत इस इलाक़े में बड़ी शक्ति भी है.”वह कहती हैं, ”आप अमेरिका के बगल में रहकर अमेरिका से दुश्मनी तो मोल नहीं ले सकते हैं न? मुइज़्ज़ू को भारत से प्यार होना ज़रूरी नहीं है, पर दुश्मनी नहीं होनी चाहिए. मालदीव एक इस्लामिक देश है और भारत के साथ पीएम मोदी को ये दूसरे नज़रिए से देखते हैं. हम एक ही भौगोलिक क्षेत्र में रहते हैं और मालदीव की राजनीति की भी यह समझ है कि भारत के साथ चीज़ें ठीक रहें.”मालदीव जहाँ स्थित है, वही उसे ख़ास बनाता है. हिंद महासागर के बड़े समुद्री रास्तों के पास मालदीव स्थित है.हिंद महासागर में इन्हीं रास्तों से अंतरराष्ट्रीय व्यापार होता है. खाड़ी के देशों से भारत में ऊर्जा की आपूर्ति इसी रास्ते से होती है. ऐसे में भारत का मालदीव से संबंध ख़राब होना किसी भी लिहाज़ से ठीक नहीं माना जा रहा है.भारत और मालदीव के बीच समझौताइमेज स्रोत, Getty Imagesइमेज कैप्शन, मालदीव छोटे-छोटे क़रीब 1200 द्वीपों का समूह है. मालदीव की कुल आबादी 5.21 लाख है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदा यात्रा में मालदीव के साथ कई समझौते हुए हैं. भारत मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये का लोन देने के लिए तैयार हो गया. दोनों देश के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को अंतिम रूप देने की तैयारी भी शुरू हो जाएगी.भारत ने मालदीव की ओर से क़र्ज़ की अदायगी की शर्तों को आसान कर दिया है. इसे सालाना पांच करोड़ डॉलर से घटाकर 2.90 करोड़ डॉलर कर दिया गया है. इससे मालदीव को अपनी आर्थिक दिक्कतों को दूर करने में सहूलियत हो सकती है.भारत और मालदीव के बीच यूपीआई ट्रांजे़क्शन को लेकर एक समझौता हुआ है. इस समझौते के तहत मालदीव में भारतीय यूपीआई को लॉन्च किया जाएगा ताकि लोग भारत के यूपीआई को इस्तेमाल करके ऑनलाइन पेमेंट और ट्रांजे़क्शन कर पाएं. यूपीआई यानी यूनिफ़ाइड पेमेंट सिस्टम भारत का इंस्टेंट पेमेंट सिस्टम है और इसे काफ़ी सफल माना जाता है. दुनिया को कुछ अन्य देशों में भी भारतीय यूपीआई को लॉन्च किया गया है. मालदीव में भारतीय पर्यटकों की बड़ी मौजूदगी को देखते हुए इस पेमेंट सिस्टम की मालदीव में लॉन्चिंग अहम मानी जा रही है.बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.
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