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भारतीय मूल के एश्ले टेलिस कौन हैं जिन्हें अमेरिका में जासूसी के आरोप में हिरासत में लिया गया



इमेज स्रोत, Getty Imagesइमेज कैप्शन, एश्ले टेलिस ने साल 2001 में अमेरिकी विदेश मंत्रालय में काम शुरू किया था (फ़ाइल फ़ोटो)23 मिनट पहलेअमेरिका के वर्जीनिया के पूर्वी ज़िले की अटॉर्नी लिंडसे हैलिगन ने बताया है कि वर्जीनिया के वियना के 64 साल के एश्ले टेलिस को सप्ताहांत में गिरफ्तार किया गया. उनके ख़िलाफ़ अवैध तौर पर राष्ट्रीय रक्षा से जुड़ी जानकारी रखने के आरोप में आपराधिक शिकायत दर्ज की गई है.वर्जीनिया के ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट के अमेरिकी अटॉर्नी ऑफ़िस ने इसकी पुष्टि की है.लिंडसे हैलिगन ने कहा, “हम अमेरिकी जनता को देश और विदेशी ज़मीन से जुड़े सभी प्रकार के खतरों से सुरक्षित रखने का ध्यान रखते हैं. इस मामले में लगाए गए आरोप हमारे नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा (सेफ़्टी और सिक्युरिटी) के लिए एक गंभीर ख़तरा दिखाते हैं.””इस मामले में तथ्य और कानून स्पष्ट हैं, और हम न्याय सुनिश्चित करने के लिए इनका पालन करते रहेंगे.”बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करेंअगर इस मामले में भारतीय मूल के एश्ले टेलिस को दोषी ठहराया गया, तो उन्हें अधिकतम दस साल की क़ैद और ढाई लाख डॉलर तक का जुर्माना हो सकता है.64 साल के टेलिस पूर्व रिपब्लिकन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के सदस्य रह चुके हैं.इमेज स्रोत, Getty Imagesइमेज कैप्शन, एफ़बीआईरॉयटर्स के मुताबिक़ एफबीआई के शपथपत्र में उन्हें विदेश विभाग के अवैतनिक (बिना वेतन वाले) सलाहकार और रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) के कॉन्ट्रैक्टर के रूप में सूचीबद्ध किया गया है.दस्तावेज़ों के अनुसार, उन्हें शनिवार को गिरफ्तार किया गया और सोमवार को उनपर औपचारिक रूप से आरोप तय किए गए.टेलिस वॉशिंगटन स्थित थिंक टैंक कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में वरिष्ठ फेलो भी हैं.विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि टेलिस को शनिवार को गिरफ्तार किया गया. रॉयटर्स के मुताबिक़ रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह ऐसे मामले पर टिप्पणी नहीं करता, जो कोर्ट में विचाराधीन हो.घर पर मिले गोपनीय दस्तावेज़एफबीआई के शपथपत्र के मुताबिक, सितंबर और अक्तूबर के बीच टेलिस को रक्षा और विदेश मंत्रालय की इमारतों में पहुंचकर, गोपनीय दस्तावेज़ों को प्रिंट कर बैग में लेकर जाते हुए देखा गया था.शनिवार को वर्जीनिया स्थित उनके घर की तलाशी में हज़ार से अधिक पन्नों के दस्तावेज़ मिले, जिन पर “टॉप सीक्रेट” और “सीक्रेट” के निशान थे.कोर्ट में एफ़बीआई ने जो दस्तावेज दिए हैं उनके अनुसार, “टेलिस पिछले कुछ सालों में चीनी सरकारी अधिकारियों से कई बार मिल चुके हैं. इनमें से एक बैठक 15 सितंबर को वर्जीनिया के फेयरफैक्स में एक रेस्तरां में हुई थी, जहां वे एक लिफ़ाफ़ा लेकर पहुंचे थे, जो जाते समय उनके पास नहीं था.”शपथपत्र में कहा गया कि विदेश मंत्रालय और रक्षा विभाग में अपनी भूमिका के चलते टेलिस के पास “टॉप सीक्रेट” सुरक्षा मंजूरी थी, जिसके तहत संवेदनशील सूचनाओं तक उनकी पहुंच थी.चीनी अधिकारियों से मुलाक़ातइमेज स्रोत, Getty Imagesइमेज कैप्शन, अमेरिकी रक्षा विभाग ने फ़िलहाल इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की हैफॉक्स न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक कर्मचारी पर आरोप है कि उन्होंने साल 2023 से सुरक्षित स्थानों से गोपनीय दस्तावेज़ हटाए और चीनी अधिकारियों से मुलाकात की.अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, टेलिस विदेश मंत्रालय के बिना वेतन वाले वरिष्ठ सलाहकार और रक्षा विभाग की ऑफिस ऑफ नेट असेसमेंट (अब “डिपार्टमेंट ऑफ वॉर”) के कॉनट्रैक्टर थे.वे भारत और दक्षिण एशियाई मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं.अदालती दस्तावेज़ों में कहा गया है कि टेलिस ने साल 2001 में विदेश मंत्रालय में काम शुरू किया था. उन पर अवैध तौर पर देश के डिफ़ेंस से जुड़ी जानकारी रखने का आरोप है. उनके घर की तलाशी में “टॉप सीक्रेट” और “सीक्रेट” के निशान लगे हज़ार से अधिक पन्ने बरामद हुए.12 सितंबर को उन्होंने सरकारी कार्यालय में अपने एक सहयोगी से कई गोपनीय दस्तावेज़ प्रिंट करवाए थे. 25 सितंबर को उन्होंने अमेरिकी वायु सेना की क्षमता से जुड़े दस्तावेज़ प्रिंट की थी.आरोपों के मुताबिक़, उन्होंने पिछले कई वर्षों में चीनी सरकारी अधिकारियों से कई बार मुलाकात की. सितंबर 2022 में वे एक रेस्तरां में चीनी अधिकारियों से मिले थे, जबकि अप्रैल 2023 में एक बैठक में उन्हें ईरान-चीन संबंधों और नई तकनीकों पर चर्चा करते सुना गया.एश्ले टेलिस कौन हैंएश्ले जे टेलिस ने शिकागो यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान में पीएच.डी. की है.उन्होंने इसी यूनिवर्सिटी से एमए की डिग्री भी ली है.एश्ले जे टेलिस ने बी.ए. और एम.ए. (अर्थशास्त्र) की पढ़ाई बॉम्बे यूनिवर्सिटी से की है.टेलिस कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में टाटा चेयर फॉर स्ट्रैटेजिक अफेयर्स और वरिष्ठ फेलो हैं. वे ख़ास तौर पर एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप से जुड़े मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और अमेरिका की विदेश और रक्षा नीति के विशेषज्ञ हैं.वे अमेरिकी विदेश विभाग में राजनीतिक मामलों के अंडर सेक्रेटरी के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में नियुक्त थे, जहाँ उन्होंने भारत के साथ असैनिक परमाणु समझौते की बातचीत में अहम भूमिका निभाई.उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) में राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के विशेष सहायक के रूप में भी सेवा दी.सरकारी सेवा से पहले, वे आरएएनडी कॉर्पोरेशन में वरिष्ठ नीति विश्लेषक और आरएएनडी ग्रेजुएट स्कूल में पॉलिसी एनालिसिस के प्रोफेसर थे.वे नेशनल ब्यूरो ऑफ एशियन रिसर्च में काउंसलर हैं, इसके स्ट्रैटेजिक एशिया कार्यक्रम के रिसर्च डायरेक्टर हैं.बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित



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