इमेज स्रोत, Syed Noorइमेज कैप्शन, सैयद नूर का दावा है कि पिछले दो सालों से उनकी मुर्गी रोज़ एक अंडा देती है….मेंAuthor, इमरान क़ुरैशी पदनाम, बेंगलुरु से, बीबीसी हिंदी के लिए30 अगस्त 2025जिस तरह किसी घर में परिवार के लोग बेसब्री से बच्चे के जन्म का इंतज़ार करते हैं, उसी तरह कर्नाटक के एक गांव में पशु चिकित्सकों की टीम को इंतज़ार है- एक मुर्गी के अंडा देने का.यह बात सुनने में अजीब लगती है कि पशु चिकित्सक मुर्गी के अंडा देने का इंतज़ार कर रहे हैं. लेकिन यह मुर्गी भी असामान्य है.इस मुर्गी ने अपने मालिक को तब चौंका दिया जब कथित तौर पर इसने एक ‘नीला अंडा’ दिया. हां, नीले रंग का अंडा.कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में काम करने वाले सैयद नूर ने बीबीसी हिंदी को बताया, “दो साल पहले एक छोटे चूज़े के रूप में इसे ख़रीदा था. शनिवार को इसने एक सफे़द अंडा दिया जैसा पिछले दो साल से हर दिन देती आ रही है. सोमवार को, इसने नीला अंडा दिया.”क्या किसी नस्ल के पक्षी देते हैं नीले रंग के अंडे?इमेज स्रोत, Syed Noorइमेज कैप्शन, नीले रंग का अंडा देने वाली मुर्गी के साथ सैयद नूरसाधारण मुर्गियाँ, जो असील नस्ल (एशियाई नस्ल) की होती हैं, लगातार 10 दिनों तक अंडे देती हैं. इसके बाद लगभग पंद्रह दिन तक वो अंडे नहीं देतीं.लेकिन नूर दावा करते हुए कहते हैं कि उनकी मुर्गी ने “पिछले दो सालों में हर दिन अंडा दिया है.”इस असामान्य रंग के अंडे की जानकारी इलाक़े में फैलने लगी जिसके बाद कई लोग इसे देखने के लिए दावणगेरे ज़िले के चन्नागिरी तालुक के नेल्लोर गाँव में सैयद नूर के घर पहुंचने लगे.मोहम्मद नदीम फ़िरोज़ कर्नाटक वेटरिनरी, एनिमल एंड फ़िशरीज़ यूनिवर्सिटी में मुर्गीपालन विज्ञान के पूर्व प्रोफ़ेसर हैं.बीबीसी हिंदी से उन्होंने कहा, “इस पर यकीन कर पाना मुश्किल है.”उनके इस पर यकीन न करने की मुख्य वजह यह है कि अंडे का रंग न तो सामान्य सफ़ेद है और न ही भूरा है. ये काला भी नहीं है जो मध्य प्रदेश के जंगलों में पाई जाने वाली कड़कनाथ नस्ल की काली मुर्गी देती है.प्रोफ़ेसर नदीम फ़िरोज़ समझाते हैं कि आम तौर पर मुर्गियों की चार किस्में होती हैं. एशियाई नस्ल (जैसे भारत में लोकप्रिय असील नस्ल की मुर्गियां), अंग्रेज़ी नस्ल (जिसे कॉर्निश कहते हैं), मध्यपूर्व में पाई जाने वाली नस्ल (जिन्हें लेयर्स कहा जाता है, ये मुर्गियां सफेद अंडे देती हैं) और अमेरिकी नस्ल.दावणगेरे ज़िले के चन्नागिरी तालुक में पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान विभाग में सहायक निदेशक डॉक्टर अशोक कुमार जीबी कहते हैं, “मैना जैसे क़रीब 10 से 15 पक्षी हैं जो नीले रंग के अंडे देते हैं.”वो कहते हैं, “लेकिन ये नीला अंडा एक दुर्लभ मामला है, भारत में ये असामान्य है.”डॉक्टर कर रहे जांचइमेज स्रोत, Syed Noorइमेज कैप्शन, प्रोफ़ेसर नदीम फ़िरोज़ कहते हैं कि कुछ पक्षी नीले रंग के अंडे देते हैंडॉक्टर अशोक बताते हैं, “इस नस्ल की मुर्गियां साल में 100 से 126 अंडे देती हैं. यह मुर्गियां लगातार 10 दिन तक रोज़ एक अंडा देती हैं और फिर अगले पंद्रह दिन अंडा नहीं देतीं. इसके बाद फिर लगातार 15 दिनों तक रोज़ एक अंडा देती हैं.””हम इस मुर्गी की निगरानी कर रहे हैं और विभाग के अधिकारियों को एक रिपोर्ट भेजेंगे. शरीर में मौजूद लीवर यानी यकृत से एक बाइल पिगमेन्ट (एक तरह का पित्त) निकलता है जिसे बिलिवर्डिन कहते हैं. हो सकता है ये अधिक मात्रा में निकला हो और आकर अंडे के खोल पर जम गया हो.””इसकी पुष्टि के लिए हमें बार-बार जाँच करनी होगी और ये ज़रूरी है कि ये मुर्गी हमारे सामने अंडा दे. तभी हम किसी बात की पुष्टि कर सकते हैं और इसके खू़न और खोल की जाँच के लिए भेज सकते हैं. हमें पता लगाना होगा कि अंडे के खोल का रंग नीला क्यों और कैसे हुआ.”डॉक्टर अशोक ने कहा, “हमने संबंधित डॉक्टर से कहा है कि इस मुर्गी को निगरानी में रखा जाए. लेकिन हम तभी जांच कर पाएंगे जब ये नीले रंग का अंडा देगी.”अंडे का रंग नीला क्यों हुआ, जब तक इस सवाल का जवाब नहीं मिल जाता तब तक सैयद नूर ने उस “नीले अंडे” को फ़्रिज में रखा है.बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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