Homeअंतरराष्ट्रीयउत्तर प्रदेश के बरेली में 'आई लव मोहम्मद' पर प्रदर्शन कैसे हंगामे...

उत्तर प्रदेश के बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ पर प्रदर्शन कैसे हंगामे में तब्दील हो गया?



इमेज स्रोत, Anubhav Saxenaइमेज कैप्शन, प्रशासन का कहना है कि रैली की अनुमति नहीं दी गई थी26 सितंबर 2025उत्तर प्रदेश के बरेली में जुमे की नमाज़ के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ प्रदर्शन हिंसक झड़पों में बदल गया.’आई लव मोहम्मद’ के प्लेकार्ड लेकर आला हज़रात दरगाह और इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल प्रमुख मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान की अपील पर बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे. प्रशासन का कहना है कि इसकी अनुमति नहीं दी गई थी.भीड़ शहर के खलील तिराहे से इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान की ओर बढ़ी तो पुलिस ने रोकने की कोशिश की और पथराव, झड़प और लाठीचार्ज की घटनाएं हुईं. पुलिस के मुताबिक़ इस दौरान फायरिंग भी हुई और पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हुए.सरकार की तरफ़ से मंत्रियों ने हिंसक प्रदर्शनकारियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही, वहीं विपक्ष ने लाठीचार्ज को बर्बर और निंदनीय बताया.कैसे भड़की स्थिति? पुलिस का क्या कहना है?बरेली से स्थानीय पत्रकार आशीष आनंद ने बताया कि शुक्रवार की नमाज़ से पहले ही एक पत्र वायरल हुआ था, जिसमें प्रदर्शन में शामिल न होने की अपील की गई थी. यह पत्र मौलाना तौक़ीर रज़ा के नाम से जारी बताया गया, लेकिन बाद में उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि पत्र फ़र्ज़ी है. इसके बाद माहौल बदल गया और बड़ी संख्या में लोग मैदान की ओर बढ़े.आईजी अजय साहनी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रशासन ने पहले से तैयारी की थी. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को नमाज़ को ध्यान में रखते हुए धार्मिक प्रतिनिधियों से लगातार बातचीत हुई थी. उन्होंने कहा, “आज सुबह से ही मैं, एसएसपी और प्रशासन के अन्य लोग मौके पर मौजूद थे. फोर्स लगातार फील्ड में थी और शहर के लोगों से संवाद कर रही थी. लोगों को बताया गया कि वे शांतिपूर्वक नमाज़ अदा करें और फिर वापस लौट जाएं.”उन्होंने बताया कि ज्यादातर लोगों ने अपील मानी. “लगभग 90–95 प्रतिशत लोगों ने शांतिपूर्ण ढंग से नमाज़ पढ़ी और वापस चले गए. लेकिन अचानक कुछ शरारती तत्व आए, जिन्होंने पथराव और फायरिंग शुरू कर दी. इस पूरी घटना की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करवाई गई है. उसी आधार पर जो लोग मौके पर पाए गए, उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की गई है.”दोनों तरफ़ से क्या दावे किए जा रहे हैं?आईजी ने कहा कि यह घटनाएं शहर के तीन-चार स्थानों पर हुईं और अन्य अधिकारी भी अलग-अलग जगहों पर तैनात थे. “अब तक 10 से ज़्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है. अलग-अलग जगहों पर लोगों को हिरासत में लिया गया है. इस घटना में छह लोग गंभीर रूप से संलिप्त पाए गए हैं. कुछ हथियार भी बरामद हुए हैं.”साहनी ने कहा कि मीडिया फुटेज और मौके पर मिले सबूत बताते हैं कि यह सब पहले से योजना बनाकर किया गया था. उनका दावा है, “पहले से कोई साजिश की गई थी. तभी इतनी संख्या में लोग अचानक इकट्ठा हुए और तैयार होकर आए. ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है.”उन्होंने यह भी कहा, “फोटो और वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है और पर्याप्त सबूत मिलने पर एफआईआर दर्ज की जा रही है. जो लोग इस घटना के पीछे हैं, उन्हें ज़रूर सामने लाया जाएगा और सभी ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.”आईजी ने साफ किया कि प्रदर्शन के लिए किसी तरह की अनुमति नहीं दी गई थी.इमेज स्रोत, Anubhav Saxenaइमेज कैप्शन, प्रदर्शन में शामिल लोगों का आरोप है कि पुलिस के अचानक लाठीचार्ज करने से स्थिति बिगड़ीवहीं प्रदर्शन में शामिल शरीफ नाम के एक युवक ने कहा, “हम पैगंबर मुहम्मद के सम्मान में सिर्फ नारे लगाना चाहते थे. यह शांतिपूर्ण रैली थी, लेकिन पुलिस ने रोक दिया.”रहीम खान नाम के दूसरे प्रदर्शनकारी का आरोप था, “हमारे साथ मारपीट की गई. पुलिस ने अचानक लाठीचार्ज किया, तभी लोग भड़के.”देर शाम आला हजरत दरगाह के संरक्षक मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) ने कहा, “जिन निर्दोष लोगों को चोटें आई हैं, उन्हें मरहम-पट्टी के बाद हिरासत से छोड़ दिया जाएगा.”क्या कह रहे हैं स्थानीय लोग?बरेली से स्थानीय पत्रकार आशीष आनंद के मुताबिक़, शहर के आलमगिरीगंज, सिविल लाइंस और बड़ा बाज़ार जैसे इलाकों में दुकानदारों ने एहतियातन दुकानें बंद कर दीं. मिठाई विक्रेता सुनील अग्रवाल कहते हैं, “दोपहर तक हालात इतने बिगड़ गए कि हमें दुकान बंद करनी पड़ी. त्योहारों का समय है, ऐसे में नुकसान और बढ़ जाएगा.”स्थानीय निवासी सलमान अली का कहना है, “शुरू में माहौल शांत था. लेकिन जैसे ही पुलिस ने रास्ता रोका, धक्का मुक्की हुई और अचानक पथराव और फिर लाठीचार्ज हो गया. उसके बाद भगदड़ मच गई.”दुकानदार मोहम्मद राशिद ने कहा, “हमने शटर गिरा लिया था, फिर भी छोटा नुकसान हो गया. छोटे दुकानदारों को बहुत नुकसान हुआ है.”बुज़ुर्ग दुकानदार असलम मियां ने कहा, “धर्म के नाम पर लड़ाई से सिर्फ़ रोज़गार और अमन को चोट पहुंचती है. सबसे बड़ी ज़रूरत शांति और भरोसे की है.”इमेज स्रोत, Anubhav Saxenaसरकार के मंत्रियों ने क्या-क्या कहा?उत्तर प्रदेश के मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, “पूरा राज्य जानता है कि आई लव मोहम्मद मुद्दे का क्या मक़सद है…जब कोई केस नहीं दर्ज किया गया तो इस तरह की बातें बहुत चिंताजनक, गुमराह करने वाली है और कुछ लोगों द्वारा शांति और क़ानून व्यवस्था को भंग करने की जानबूझकर साज़िश है.”यूपी सरकार में मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने कहा, “कोई अगर किसी धर्म के व्यक्ति को गुमराह करने की कोशिश करेगा तो उसके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी.”मंत्री संजय निषाद ने कहा, “जिन लोगों ने भी प्रदर्शन का आह्वान किया था, वे सभी जेल जाएंगे. चाहे वे कितने भी रसूखदार हों.”यूपी सरकार में मंत्री अनिल राजभर ने कहा, “अगर उत्तर प्रदेश को किसी ने अशांत करने की कोशिश की तो कार्रवाई ऐसी करेंगे कि उनकी आने वाली पीढ़ियां भी याद रखेंगी.”विपक्ष ने क्या कहा?इमेज स्रोत, ANIवहीं विपक्ष ने लाठीचार्ज पर सवाल उठाए हैं. समाजवादी पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, “सरकार द्वारा ताक़त का इज़हार करना उसकी कमज़ोरी की निशानी होती है. सरकारें लाठी चार्ज से नहीं सौहार्द-सद्भाव से चलती हैं. घोर निंदनीय!”हालांकि, उन्होंने अपनी पोस्ट में बरेली का ज़िक्र नहीं किया है.समाजवादी पार्टी के नेता रविदास मेहरोत्रा ने कहा, “बरेली में जुमे की नमाज के बाद बर्बर लाठी चार्ज किया गया. यह प्रदेश सरकार के आदेश पर किया गया था, जिसमें सैकड़ों लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.”उन्होंने आरोप लगाया, “बीजेपी की सरकार दमन, जुल्म और तानाशाही से जनता की आवाज़ को दबाना चाहती है. बीजेपी जनता में नफ़रत फैला कर सरकार में बने रहना चाहती है.”उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा, “हर किसी को अपने भगवान से प्यार करना चाहिए. आई लव मोहम्मद. आई लव महादेव, आई लव गणेश जी, आई लव जीसस क्राइस्ट. आई लव गुरुनानक, आई लव गौतम बुद्ध, आई लव महावीर…”आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “हिंसा भड़काने में बीजेपी नंबर वन है. यूपी से कोई ख़बर आती है तो इसी तरह की होती है. कभी पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई और धंधे की बात क्यों नहीं होती.”इससे अभी कुछ ही दिन पहले कानपुर में बारावफ़ात (ईद मिलाद-उन-नबी) के मौक़े पर ‘आई लव मोहम्मद’ का बैनर लगाने को लेकर विवाद हो गया है.इससे जुड़ी एफ़आईआर के बाद उत्तर प्रदेश और देश के कई शहरों में मुसलमानों ने प्रदर्शन किए हैं.अलग-अलग शहरों में कुछ एफ़आईआर दर्ज हुई हैं और कुछ लोगों की गिरफ़्तारी भी हुई है.कानपुर के घटनाक्रम के बाद सिर्फ़ यूपी ही नहीं कई और राज्यों में भी प्रदर्शन हुए हैं. उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और गुजरात में भी आई लव मोहम्मद के मुद्दे पर लोगों ने आक्रोश ज़ाहिर किया है.बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments