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अमेरिका को भारत के बजाय पाकिस्तान से दोस्ती करने में क्यों फ़ायदा नज़र आ रहा है?



इमेज स्रोत, GOVERNMENT OF PAKISTANइमेज कैप्शन, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने न्यूयॉर्क से वॉशिंगटन पहुंचे थे….मेंपाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ और सेना प्रमुख फ़ील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वॉशिंगटन में मुलाक़ात की. इससे ठीक पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोनों को ‘महान व्यक्तित्व’ बताया.दूसरी तरफ़, पाकिस्तान सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने राष्ट्रपति ट्रंप से कहा कि वह दुनिया के ‘शांति दूत’ हैं. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने इस मुलाक़ात के बाद सोशल मीडिया पर लिखा, “हाइब्रिड मॉडल की पार्टनरशिप की कामयाबियों का सिलसिला.”पिछले सप्ताह राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाक़ात के लिए प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ न्यूयॉर्क से वॉशिंगटन पहुंचे. वो संयुक्त राष्ट्र महासभा की मीटिंग में हिस्सा लेने न्यूयॉर्क गए थे.ओवल ऑफ़िस में होने वाली इस मुलाक़ात में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रूबियो भी शामिल थे.प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ की एक हफ़्ते के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति से यह दूसरी मुलाक़ात थी.इससे पहले ग़ज़ा के मामले पर कुछ इस्लामी देशों के नेताओं के साथ बैठक के मौक़े पर भी उनकी राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाक़ात हुई थी.अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ से मुलाक़ात से पहले प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान कहा कि वह दो “महान नेताओं से मुलाक़ात कर रहे हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और फ़ील्ड मार्शल, और दोनों ही बेहतरीन व्यक्तित्व हैं.”राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “मुझे पहुंचने में कुछ देर हो रही है. वह ख़ूबसूरत ओवल ऑफ़िस पहुंच चुके हैं. अभी कुछ देर में उनसे मुलाक़ात होगी.”ट्रंप के साथ मुलाक़ात में क्या हुआ?इमेज स्रोत, GOVERNMENT OF PAKISTANइमेज कैप्शन, प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ की एक सप्ताह में अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ यह दूसरी बैठक थीइस साल जून में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान सेना के प्रमुख फ़ील्ड मार्शल आसिम मुनीर को लंच पर दावत दी थी लेकिन उस मुलाक़ात में प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ उनके साथ नहीं थे.हाल की मुलाक़ात के बाद पाकिस्तान के प्राइम मिनिस्टर हाउस से जारी होने वाले बयान के अनुसार मुलाक़ात सौहार्दपूर्ण थी. बयान में पाकिस्तान-भारत के बीच युद्ध रोकने और शांति स्थापना के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की कोशिशों के सम्मान में उन्हें ‘मैन ऑफ़ पीस’ बताया गया.सरकारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने राष्ट्रपति ट्रंप से कहा कि वह मध्य पूर्व तनाव और विशेषकर फ़लस्तीन में संघर्ष विराम करवाने में अपनी भूमिका अदा करें.मुलाक़ात में क्षेत्र के हालात और आतंकवाद रोकने में सहयोग पर बात की गई. प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने आतंकवाद के ख़ात्मे में पाकिस्तान की भूमिका को स्वीकार करने पर अमेरिकी राष्ट्रपति का शुक्रिया अदा किया.शहबाज़ शरीफ़ ने अमेरिकी कंपनियों को पाकिस्तान के कृषि, खनिज और ऊर्जा क्षेत्र में पूंजी निवेश की दावत दी.पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मोहम्मद शहबाज़ शरीफ़ संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली की 80वीं बैठक शामिल होने के लिए अमेरिका पहुंचे थे. शुक्रवार को उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की महासभा को संबोधित किया. अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाक़ात के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री न्यूयॉर्क से वॉशिंगटन के एंड्रयू एयर बेस पहुंचे जहां अमेरिकी एयर फ़ोर्स के शीर्ष अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. प्राइम मिनिस्टर हाउस का कहना है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का मोटरकेड अमेरिकी सुरक्षा के घेरे में एयर बेस से व्हाइट हाउस की तरफ़ रवाना हुआ.सन 2019 के बाद यह पहली बार है जब पाकिस्तान के किसी प्रधानमंत्री ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाक़ात की है. छह साल पहले उस समय के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाक़ात की थी.सोशल मीडिया पर ‘हाइब्रिड मॉडल की कामयाबी’ और ‘ताक़तवर आर्मी चीफ़’ की चर्चाइमेज स्रोत, GOVERNMENT OF PAKISTANइमेज कैप्शन, इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख को दोपहर के भोजन पर आमंत्रित किया था.शहबाज़ शरीफ़ और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाक़ात के बारे में पाकिस्तान सरकार की विज्ञप्ति के अलावा ज़्यादा जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन सोशल मीडिया पर इस मुलाक़ात पर बहुत टिप्पणी हो रही है.कुछ लोग पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के साथ फ़ील्ड मार्शल आसिम मुनीर की मौजूदगी पर सवाल उठा रहे हैं तो दूसरे लोग अमेरिका की मांगों की लिस्ट पर भी बात कर रहे हैं.पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने इस मुलाक़ात की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर शेयर करते हुए लिखा, “भारत पर फ़तह, सऊदी अरब के साथ रक्षा समझौता और पाक-अमेरिका संबंध में बेमिसाल प्रगति. 2025 कामयाबियों से भरपूर साल. हाइब्रिड मॉडल की पार्टनरशिप की कामयाबियों का सिलसिला.”हालांकि भारत दावा करता है कि पहलगाम हमले के बाद उसने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में मौजूद कई आतंकी ढांचों पर हमला करके उन्हें नष्ट किया.भारत लगातार ये कह रहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष रोकने में किसी तीसरे देश का कोई रोल नहीं था. भारत इसे द्विपक्षीय मामला बताता है, जबकि पाकिस्तान संघर्ष रोकने में ट्रंप की भूमिका का लगातार ज़िक्र करता है.इस मुलाक़ात के बारे में भारत में भी बातचीत हो रही है. स्वीडन की उप्सला यूनिवर्सिटी के अशोक स्वैन ने ‘एक्स’ पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के एयरपोर्ट से व्हाइट हाउस तक जाने वाले क़ाफ़िले का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ का ही नहीं बल्कि आर्मी चीफ़ का भी वॉशिंगटन पहुंचने पर शानदार स्वागत किया गया.”अमेरिकी थिंक टैंक एशिया पैसिफ़िक फ़ाउंडेशन से जुड़े विश्लेषक माइकल कुगलमैन ने ‘एक्स’ पर इमरान ख़ान की राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाक़ात की तस्वीरें शेयर करते हुए फ़ील्ड मार्शल आसिम मुनीर की बढ़ती हुई भूमिका की बात की. उन्होंने लिखा, “सन 2019 में जब इमरान ख़ान व्हाइट हाउस आए थे तो उनके साथ उस समय के आर्मी चीफ़ जनरल बाजवा वर्दी में मौजूद थे लेकिन उस दौर में उनकी बहुत चर्चा नहीं हुई थी बल्कि वह पर्दे के पीछे थे. लेकिन उसके उलट अब मुनीर (फ़ील्ड मार्शल) इस मुलाक़ात के केंद्र में हैं और सामने नज़र आ रहे हैं.”पत्रकार और स्तंभकार सीरिल अलमीडा ने ‘एक्स’ पर जारी बयान में कहा कि इस मुलाक़ात के बारे में अफ़वाहें तो बहुत हैं लेकिन जितनी कम जानकारी उपलब्ध होगी यह उतनी ही चिंता की बात होगी.वरिष्ठ पत्रकार नसीम ज़ेहरा का कहना है कि आज की इस मुलाक़ात में सबसे अहम मामला फ़लस्तीन और मध्य पूर्व का है.नसीम ज़ेहरा ने ‘एक्स’ पर जारी अपने संदेश में लिखा, “पूंजी निवेश और सुरक्षा के मामले में पाकिस्तान-अमेरिका संबंध पहले ही सकारात्मक ट्रैक पर आगे बढ़ रहे हैं. इस मुलाक़ात का सबसे अधिक महत्व यह है कि पाकिस्तान हमेशा से फ़लस्तीन के लिए आवाज़ उठाता है. (तो) पाकिस्तान और अमेरिका मध्य पूर्व में सुरक्षा चुनौतियों में एक-दूसरे की भूमिका को कैसे देख रहे हैं.”रणनीतिक भूमिका और कारोबारी मौक़े: पाकिस्तान ने वॉशिंगटन में कैसे जगह बनाई?इमेज स्रोत, GOVERNMENT OF PAKISTANइमेज कैप्शन, विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान को इस मौक़े का पूरा फ़ायदा उठाना चाहिए.अमेरिकी थिंक टैंक एशिया पैसिफ़िक फ़ाउंडेशन के सीनियर फ़ेलो माइकल कुगलमैन का कहना है कि पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान को अमेरिका में रणनीतिक दृष्टि से बहुत महत्व नहीं दिया जा रहा था लेकिन मध्य पूर्व के विवाद के बाद अमेरिकी प्रशासन के लिए पाकिस्तान अहम हो गया है.बीबीसी से बात करते हुए उन्होंने कहा, “कुछ व्यापारिक और रणनीतिक कारण हैं जिनसे पाकिस्तान अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण हो गया है. व्यापारिक दृष्टि से पाकिस्तान ने वॉशिंगटन में अपने आप को बेहतर ढंग से पेश किया है और दुर्लभ खनिज, क्रिप्टोकरेंसी और ऊर्जा, विशेष तौर पर तेल की खोज पर बात की, जिसमें नए प्रशासन को बहुत दिलचस्पी है.”उन्होंने कहा कि रणनीतिक दृष्टि से भी पाकिस्तान ने अपने को मध्य पूर्व के मामले में ‘स्ट्रैटेजिक प्लेयर’ के तौर पर पेश किया है. “इस क्षेत्र में तनाव भी बहुत है और अमेरिका की दिलचस्पी भी बहुत अधिक है. पाकिस्तान के ईरान समेत खाड़ी के देशों से अच्छे संबंध हैं. चीन के साथ उसके गहरे जबकि रूस के साथ दोस्ताना संबंध हैं.”माइकल कुगलमैन ने कहा, “ट्रंप की पाकिस्तान से नज़दीकी की एक वजह यह है कि अमेरिकी लक्ष्यों को निशाना बनाने वाले आतंकवादियों को पकड़ने की कोशिश में उनकी पहली कामयाबी पाकिस्तान से जुड़ी थी जब पाकिस्तान ने काबुल एयरपोर्ट पर हमले के मास्टरमाइंड को अमेरिका के हवाले किया.”उनके अनुसार ट्रंप प्रशासन के भारत के साथ तनाव ने भी पाकिस्तान को अमेरिका के क़रीब होने का मौक़ा दिया. “अगर वॉशिंगटन का संबंध भारत के साथ अच्छा होता तो आसिम मुनीर की व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाक़ात न हो पाती.”मध्य पूर्व में पाकिस्तान की भूमिका पर बात करते हुए उन्होंने कहा, मध्य पूर्व में शांति पाकिस्तान के हित में है. पाकिस्तान ऊर्जा के मामले में उसी क्षेत्र पर निर्भर है. पाकिस्तान का उन देशों से क़रीबी संबंध है और बड़ी संख्या में पाकिस्तानी वहां काम करते हैं. इसी वजह से वॉशिंगटन समझता है कि पाकिस्तान अहम है. वह ईरान को भी समझा सकता है.”माइकल कुगलमैन के अनुसार, “हाल ही में पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए रक्षा समझौते को वॉशिंगटन में समर्थन मिला है क्योंकि ट्रंप प्रशासन समझता है कि सुरक्षा से संबंधित यह ज़िम्मेदारी अब पाकिस्तान उठा रहा है.”बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित



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