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हमास और इसराइल के बीच समझौता तो हो गया पर क्या ख़त्म होगी जंग?



इमेज स्रोत, Amir Levy/Getty Imagesइमेज कैप्शन, नौ अक्तूबर को ग़ज़ा पट्टी की सरहद पर तैनात इसराइली टैंक….मेंमिस्र में लंबी बातचीत के बाद इसराइल और हमास के बीच युद्धविराम के साथ कै़दियों की रिहाई पर समझौता हो गया है. इससे ग़ज़ा में दो साल से चल रहा युद्ध ख़त्म होने के क़रीब पहुंच गया है.युद्ध के संबंध में यह महत्वपूर्ण प्रगति है, फिर भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि युद्ध वास्तव में समाप्त हो जाएगा.ग़ज़ा में युद्धविराम और शांति की दिशा में इस हालिया प्रगति में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्तक्षेप ने अहम भूमिका अदा की है. ट्रंप ने न केवल हमास पर बल्कि इसराइल पर भी दबाव डाला है. ट्रंप न सिर्फ़ युद्ध रुकवाना चाहते हैं बल्कि इसके लिए पुरस्कृत (नोबेल शांति पुरस्कार) भी होना चाहते हैं. दबाव में नेतन्याहूइमेज स्रोत, Win McNamee/Getty Imagesइमेज कैप्शन, डोनाल्ड ट्रंप और बिन्यामिन नेतन्याहू व्हाइट हाउस में मुलाक़ात के दौरानहमास के हमले के जवाब में इसराइल ने सात अक्तूबर 2023 को ग़ज़ा में युद्ध की घोषणा की थी. हमास के हमले में 1,200 लोग मारे गए और 251 इसराइली नागरिकों को बंधक बना लिया गया था.इसराइली कार्रवाई में अब तक 18 हज़ार बच्चों सहित 67 हज़ार फ़लस्तीनी नागरिक मारे गए हैं. इस जंग ने ग़ज़ा के अधिकांश हिस्से को तबाह कर दिया है और वहां एक विनाशकारी मानवीय संकट पैदा हो गया है.आज हुए समझौते पर पिछले हफ़्ते ही अमेरिका में सहमति बन गई थी. तब व्हाइट हाउस में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ इसराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू भी शामिल हुए थे.नेतन्याहू पर पिछले शांति प्रयासों को कमज़ोर करने का आरोप लगाया गया है. ख़बरों के मुताबिक़, इस बार राष्ट्रपति ट्रंप नेतन्याहू से नाराज़ थे और उनका धैर्य जवाब दे चुका था.अमेरिका का इसराइल पर ख़ासा प्रभाव है. इसे देखते हुए इसराइली प्रधानमंत्री के पास शांति प्रक्रिया में शामिल होने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा था.चरमपंथी समूह हमास, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ‘पूरी तरह से ख़ात्मे’ की धमकी से भी भारी दबाव में है. अरब और अन्य मुस्लिम देशों ने राष्ट्रपति ट्रंप की योजना को मंज़ूरी दी है और मिस्र, क़तर और तुर्की ने भी वार्ता में मज़बूत भूमिका निभाई है.इस नए समझौते का विवरण अभी जारी नहीं किया गया है लेकिन इसमें सभी बंधकों की रिहाई शामिल होगी, जिनमें 20 जीवित बताए जा रहे हैं. सभी जीवित बंधकों को एक साथ, संभवतः रविवार तक रिहा कर दिया जाएगा, जबकि मृत 28 लोगों के शव कई चरणों में लौटाए जाएंगे.इमेज स्रोत, Chris McGrath/Getty Imagesइमेज कैप्शन, तेल अवीव में समझौते के बाद जश्न मनाते इसराइली नागरिकसमझौते के तहत इसराइली जेलों में बंद सैकड़ों फ़लस्तीनियों को रिहा किया जाएगा, ग़ज़ा के कुछ क्षेत्रों से इसराइली सेनाएं हट जाएंगी और ग़ज़ा में मानवीय सहायता बढ़ाई जाएगी.राष्ट्रपति ट्रंप ने शांति के लिए नोबेल शांति पुरस्कार पाने की इच्छा खुले तौर पर व्यक्त की है. इसकी घोषणा शुक्रवार को की जाएगी.सोशल मीडिया पर ट्रंप ने अपनी पारंपरिक शैली अपनाते हुए इस घटना को ‘ऐतिहासिक और अभूतपूर्व’ बताया और कहा कि ‘यह स्थायी शांति की दिशा में पहला कदम है.’यह बेशक़ एक महत्वपूर्ण क्षण है लेकिन यह पूरे यक़ीन के साथ नहीं कहा जा सकता कि ग़ज़ा शांति समझौता पूरा हो जाएगा क्योंकि अभी भी अहम बिंदुओं पर बहुत काम किया जाना बाकी है.इनमें हमास को हथियारविहीन करना, इसराइली सेना के पीछे हटने की सीमा तय करना और ग़ज़ा पर कौन शासन करेगा- यह तय करना शामिल है.ग़ज़ा में फ़लस्तीनियों ने आधी रात को हमास-इसराइल समझौते की घोषणा का जश्न मनाया और उम्मीद जताई कि उनकी परेशानियां ख़त्म हो जाएंगी. इस बीच, तेल अवीव में लोग बंधकों के लिए समर्पित एक चौक पर इकट्ठा हुए.हमास जानता है कि बंधकों की रिहाई से बातचीत में उसकी स्थिति कमज़ोर हो जाएगी. इसलिए उसने इसराइल से यह गारंटी मांगी है कि बंधकों की रिहाई के बाद वह फिर से लड़ाई शुरू नहीं करेगा.संदेह के कई कारण हैं. मार्च में इसराइल ने युद्धविराम समाप्त कर दिया था और घातक हवाई हमले शुरू कर दिए थे. दूसरी ओर, इसराइल के लोग भी जंग से तंग आ चुके हैं. सर्वेक्षणों के अनुसार, अधिकांश इसराइली युद्ध का अंत चाहते हैं.लेकिन नेतन्याहू अभी भी राजनीतिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं. उनकी सरकार को अति-राष्ट्रवादियों का समर्थन प्राप्त है और उन्होंने धमकी दी है कि अगर समझौता हो गया तो वे गठबंधन छोड़ देंगे. यही वजह है कि नेतन्याहू इस युद्ध को लंबा खींचने पर मजबूर हैं.नेतन्याहू ने हमास के ख़िलाफ़ ‘पूर्ण विजय’ का वादा किया है. उन्हें एक ऐसा समझौता चाहिए जिससे वे कह सकें कि उन्होंने सब कुछ हासिल कर लिया है.नेतन्याहू ने इस घोषणा को ‘इसराइल के लिए राष्ट्रीय, नैतिक और कूटनीतिक जीत’ बताया, लेकिन उन्होंने अपने बयान में यह नहीं कहा कि युद्ध समाप्त हो गया है.बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.



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