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नेचर के बीच 20 मिनट बिताने से सेहत को कैसे फ़ायदा होता है, चार उदाहरणों से समझिए



इमेज स्रोत, Getty Imagesइमेज कैप्शन, नेचर के बीच केवल 20 मिनट बिताने से आपके शरीर में दिखने वाले परिवर्तन आ सकते हैं (प्रतीकात्मक तस्वीर)….मेंअगर आप कभी पार्क में टहलने या जंगल में घूमने के बाद ज़्यादा शांत महसूस करते हैं, तो यह आपकी कल्पना नहीं बल्कि विज्ञान है.बाहर खुले माहौल में रहना शरीर के भीतर कई बदलाव लाता है. जैसे, तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन घटते हैं, ब्लड प्रेशर संतुलित होता है और पाचन तंत्र बेहतर होता है.इन फ़ायदों के लिए आपको घंटों ट्रेकिंग करने की ज़रूरत नहीं. सिर्फ़ 20 मिनट तक नेचर में रहना असर दिखा सकता है. यानी दोपहर के खाने के वक़्त पार्क तक टहलने जाना और कभी-कभी बेंच पर बैठकर सैंडविच खाना भी आपके शरीर और मन के लिए फ़ायदेमंद हो सकता है.यहां चार तरीक़ों से जानिए कि कैसे नेचर के बीच समय बिताने से आपकी सेहत किस तरह बेहतर होती है.1. आप अनजाने में रिलैक्स हो जाते हैंजब आप हरे पेड़ देखते हैं, चीड़ की खुशबू महसूस करते हैं या पत्तों की सरसराहट और पक्षियों की आवाज़ सुनते हैं, तो आपका ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम यानी शरीर की वह नसों का सिस्टम जो बिना सोचे कई प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है, तुरंत सक्रिय हो जाता है.यह असर आपको अपने आसपास के किसी पार्क में टहलने से भी मिल सकता है.ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की बायोडायवर्सिटी प्रोफ़ेसर बैरोनेस कैथी विलिस ने बीबीसी रेडियो 4 के पॉडकास्ट ‘व्हॉट्स अप डॉक्‍स’ में कहा, “हम शरीर में कई बदलाव देखते हैं, जैसे ब्लड प्रेशर का कम होना, हार्ट रेट वेरिएबिलिटी में बदलाव और दिल की धड़कन का धीमा होना, ये सब शरीर के शांत होने के संकेत हैं.”ब्रिटेन की एक स्टडी में करीब 20 हज़ार लोगों को शामिल किया गया था. इसमें पाया गया कि जो लोग हर हफ़्ते कम से कम 120 मिनट हरियाली में बिताते थे, उनके शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने की संभावना कहीं ज़्यादा थी.नेचर में समय बिताने के फ़ायदे इतने साफ़ हैं कि कई जगहों पर “ग्रीन सोशल प्रिस्क्राइबिंग” की पहल शुरू हुई है, यानी लोगों को नेचर से जोड़ना ताकि उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुधरे. शुरुआती नतीजों में यह प्रयोग ख़ुशी और सेहत दोनों के लिए फ़ायदेमंद साबित हुआ.इमेज स्रोत, Getty Imagesइमेज कैप्शन, नेचर शरीर के माइक्रोबायोम को भी मज़बूत बनाता है2. आपके हार्मोन अपने सामान्य स्तर पर लौटते हैंजब आप नेचर के बीच समय बिताते हैं, तो आपका हार्मोनल सिस्टम भी इस आराम की प्रक्रिया का हिस्सा बन जाता है.प्रोफ़ेसर विलिस बताती हैं कि बाहर रहने से शरीर की एंडोइनक्राइन सिस्टम सक्रिय होता है और तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन कोर्टिसोल और एड्रेनालिन का स्तर घटने लगता है.एक स्टडी में पाया गया कि जो लोग लगातार तीन दिन तक होटल रूम में जापानी साइप्रस यानी हिनोकी ऑयल की खुशबू में रहे, उनके शरीर में एड्रेनालिन हार्मोन का स्तर काफ़ी घट गया और खून में नेचुरल किलर सेल्स की संख्या में बड़ा इज़ाफ़ा हुआ.ये नेचुरल किलर सेल्स वही होती हैं जो शरीर में वायरस से लड़ती हैं. स्टडी में पाया गया कि इन कोशिकाओं का स्तर खुशबू के संपर्क में आने के दो हफ्ते बाद तक ऊंचा बना रहा.यूनिवर्सिटी ऑफ़ इलिनॉय की प्रोफ़ेसर मिंग कूओ कहती हैं, “नेचर उस हिस्से को शांत करता है, जिसे शांति की ज़रूरत होती है और उस हिस्से को मज़बूत करता है, जिसे मज़बूती चाहिए.”उनका कहना है कि नेचर में बिताया गया तीन दिन का वीकेंड हमारे वायरस से लड़ने वाले सिस्टम पर गहरा असर डालता है और एक महीने बाद भी यह सामान्य से लगभग 24 प्रतिशत अधिक सक्रिय रहता है.उन्होंने यह भी बताया कि थोड़े समय के लिए भी नेचर के बीच रहना छोटे लेकिन स्थायी असर छोड़ जाता है.3. खुशबू की ताक़तनेचर की खुशबू महसूस करना उतना ही असरदार है, जितना उसे देखना या सुनना.पेड़ों और मिट्टी की महक में कई तरह के जैविक तत्व होते हैं जो पौधों से निकलते हैं और जब आप उन्हें सांस के ज़रिए अंदर लेते हैं तो उनके कुछ मॉलेक्यूल्स (अणु) सीधे खून में पहुंच जाते हैं.विलिस बताती हैं कि चीड़ इसका अच्छा उदाहरण है. उन्होंने कहा, “चीड़ के जंगल की खुशबू सिर्फ़ 90 सेकंड में आपको शांत कर सकती है और यह असर क़रीब 10 मिनट तक बना रहता है.”आप सोच सकते हैं कि यह सुकून सिर्फ़ मानसिक है, लेकिन एक स्टडी में पाया गया कि बहुत छोटे बच्चे, जिन्हें किसी खुशबू की याद नहीं होती, वे भी तब शांत हो गए जब कमरे में ‘लिमोनीन’ नाम की सुकून देने वाली खुशबू फैलाई गई.इमेज स्रोत, Getty Imagesइमेज कैप्शन, मिट्टी को छूने से आपके शरीर को अच्छे बैक्टीरिया अपनाने में मदद मिल सकती है4. शरीर में पहुंचते हैं अच्छे बैक्टीरियानेचर न केवल मन को सुकून देता है बल्कि शरीर के माइक्रोबायोम को भी मज़बूत बनाता है. मिट्टी और पौधों में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया हमारे शरीर के लिए फ़ायदेमंद होते हैं.विलिस कहती हैं, “ये अच्छे बैक्टीरिया हैं, जिनके लिए हम प्रोबायोटिक दवाओं या ड्रिंक्स पर पैसे खर्च करते हैं.”प्रोफ़ेसर मिंग कूओ ने संक्रमण की संभावना और मानसिक स्वास्थ्य पर इनके असर की स्टडी की है. उनका कहना है कि कुछ प्राकृतिक बैक्टीरिया को सांस के ज़रिए अंदर लेने से मूड बेहतर होता है. पौधों से निकलने वाले एंटीमाइक्रोबियल रसायन, जिन्हें ‘फ़ाइटोनसाइड्स’ कहा जाता है, बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकते हैं.इंफ़ेक्शन साइंटिस्ट डॉ. क्रिस वैन टुलकेन कहते हैं, “नेचर एक ऐसा माहौल है जो शरीर की इम्यून सिस्टम को सक्रिय कर देता है.”वे अपने बच्चों को जंगल में मिट्टी से खेलने देते हैं ताकि मिट्टी के ये कण नाक या मुंह के ज़रिए उनके शरीर तक पहुंच सकें.इमेज स्रोत, Getty Imagesइमेज कैप्शन, यहां तक ​​कि आपके लैपटॉप पर नेचर से संबंधित स्क्रीनसेवर होने से भी आपको आराम करने में मदद मिल सकती हैनेचर को अपने पास लाएंआपको हमेशा बाहर जाने की ज़रूरत नहीं होती.विलिस का कहना है कि घर पर भी नेचर का छोटा सा स्पर्श असर डाल सकता है.सफे़द या पीले गुलाब जैसे फूलों को दिमाग़ की गतिविधियों पर सबसे शांत करने वाला असर डालने वाला पाया गया है.खुशबू के लिए पाइनिन जैसे एसेंशियल ऑयल का डिफ्यूज़र इस्तेमाल करें, जो मन को सुकून देने में मदद करता है.अगर ऐसा भी मुमकिन न हो, तो जंगल या हरियाली की तस्वीरें देखना भी मदद कर सकता है.रिसर्च बताते हैं कि लैपटॉप पर नेचर की तस्वीरें देखना या केवल हरे दृश्य को निहारना भी दिमाग़ में वही शांत तरंगें पैदा कर सकता है और तनाव घटा सकता है.प्रोफ़ेसर मिंग कूओ कहती हैं, “नेचर का हर छोटा हिस्सा मदद करता है.”बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित



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